देहरादून: उत्तराखंड की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत आने वाली 104 सड़कों को केंद्र ने स्वीकृति दी है. 856.84 करोड़ की लागत से बनने वाली इन 1090 किलोमीटर की सड़कों को स्वीकृति देने पर उत्तराखंड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आभार व्यक्त किया है.
सोमवार को उत्तराखंड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने विधानसभा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केंद्र ने 856.84 करोड़ की लागत से बनने जा रही 1090 किलोमीटर लंबाई की 104 सड़को को स्वीकृति प्रदान की है.
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कैबीनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के साथ-साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है. मंत्री जोशी ने जानकारी दी है कि उन्होंने जून 2022 में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से इन सड़कों की मंजूरी के लिए अनुरोध किया गया था.
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि PMGSY-III के तहत भारत सरकार ने निर्धारित 2288 किलोमीटर के आवंटन के सापेक्ष पहले बैच में 3 मार्च 2023 को हुई इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में 857 करोड़ के 1091 किलोमीटर की 104 सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस स्वीकृति में अल्मोड़ा और बागेश्वर की 4-4, चमोली की 18 सड़कें, देहरादून की 5, हरिद्वार की 11, नैनीताल की 5, पौड़ी की 35, रुद्रप्रयाग की 4, टिहरी की 15 और उत्तरकाशी की 3 सड़कों का सुधारीकरण किया जाएगा.
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मंत्री जोशी ने बताया कि उन्होंने भारत सरकार के मानकों के अनुरूप बाकी बची DPR बनाने के भी निर्देश दिए हैं और इसे स्टेट टेक्निकल एजेंसी से परीक्षण कराकर मार्च 2023 के आखिर तक भारत सरकार को भेज दिया जायेगा. मंत्री ने कहा सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक PMGSY-III के अन्तर्गत सभी स्वीकृतियां मिल जाएंगी और मार्च 2025 तक मार्गों के रेनोवेशन का कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 250 से अधिक जनसंख्या वाले 1866 गांवों के सापेक्ष अभी तक 1836 गांवों को सड़क से जोड़ा जा चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बाकी 30 गांवों में से 16 गांवों को मार्च 2023 तक और 14 गांवों को आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में सड़क मार्ग से जोड़ दिया जायेगा.
जानकारी दी गयी कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के डामरीकरण के बाद पांच सालों तक मेंटनेंस की व्यवस्था की गई हैं. PMGSY सड़कों के पांच साल के मेंटेनेंस का समय पूरा होने के बाद इन सड़कों को लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर करने का फैसला लिया गया है. करंट स्टेटस की बात करें तो अभी तक 3200 किलोमीटर की 521 सड़कों में से 478 सड़कें और 61 पुलों में से 32 पुल PWD को हैंडओवर किये जा चुके हैं और ये प्रक्रिया लगातार चल रही है.