मसूरीः आज वैलेंटाइन डे है, इसे प्रेम का दिन माना जाता है. इस दिन युवा महज प्यार के बंधन तक ही सीमित है, लेकिन शायद ही किसी को वैलेंटाइन डे के इतिहास के पीछे छिपी बड़ी घटनाओं के बारे में पता हो. युवा पीढ़ी वैलेंटाइन डे को बड़ी धूमधाम से मनाती है और ज्यादातर अपने प्यार का इजहार करते हैं. दुनिया में वैलेंटाइन डे शुरू होने के पीछे कई मतभेद हैं. वहीं भारत की बात करें तो यहां पहाड़ की रानी मसूरी से भी वैलेंटाइन डे मनाने का कनेक्शन जुड़ा हुआ है.
मसूरी मर्चेंट द इंडियन लेटर्स पुस्तक में प्रकाशित एक पत्र से स्पष्ट होता है कि देश में वैलेंटाइन की शुरुआत वर्ष 1843 में हुई थी. उन दिनों इंग्लैंड में जन्मे मोगर मांक मसूरी में जॉन मकैनन के बर्लोगंज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे.
इस दौरान उन्होंने एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया. मोगर मांक ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन मारग्रेट मांक के नाम इंग्लैंड भेजा. खत में अपनी भावनाओं का इजहार करते हुए उन्होंने लिखा कि प्रिया बहन आज वैलेंटाइन डे के दिन यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है मैं उसके साथ बहुत खुश हूं. मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि वर्ष 1849 में जब मोगर मांक का निधन हुआ तब वह मेरठ में रह रहे थे.
वेलेंटाइन डे के दिन लिखे गए उनके इस खत का पता तब चला जब 150 साल बाद मोगर मांक के रिश्तेदार एंड्रयू मारगन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया.