उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

विजय दिवस@20 साल: 'अटल' शब्दों ने भरा था जोश, नेस्तनाबूद हुए थे दुश्मन के इरादे - rajnath singh

ऑपरेशन विजय की सफलता पर देशभर में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तान ने घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था, जिसके बाद भारतीय सेना ने उनके खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया. यह ऑपरेशन 8 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला था.

कारगिल विजय दिवस को पूरे हुए 20 साल

By

Published : Jul 26, 2019, 4:06 AM IST

Updated : Jul 26, 2019, 12:29 PM IST

देहरादून:तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों ने पूरे देश को जोश से भर दिया. वे शब्द जिसने भारतीय सैनिकों को पराक्रम दिखाने का मौका दिया. जो काम असंभव दिख रहा था, जवानों ने उसे कर दिखाया. दुश्मनों ने भारत की चोटियों पर बनी उन चौकियों पर कब्जा कर लिया था, जिसे सैनिक सर्दियों में छोड़कर नीचे आ जाते थे. भारतीय जवानों ने जान की परवाह किए बिना खड़ी पहाड़ी की चोटी पर कब्जा जमाए बैठे दुश्मनों के इरादों को नेस्तनाबूद कर दिया.

कारगिल विजय दिवस को पूरे हुए 20 साल

मई 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहाड़ों में तब भयंकर युद्ध छिड़ गया था, जब भारत को पता चला कि कई आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर भारतीय सीमा में 10 किलोमीटर अंदर तक घुस आए हैं. इसके बाद शुरू हुआ ऑपरेशन विजय. 1971 के बाद पहली बार भारतीय सेना इतने बड़े पैमाने पर लामबंद हुई.

दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना के प्रयासों के साथ पूरा देश खड़ा था. भारतीय नौसेना को भी अथाह समुद्र में हर स्थिति से निपटने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया गया. भौगोलिक परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए दुश्मनों ने ऊंचाई पर स्थित तीनों प्रमुख मोर्चों द्रास, करगिल और बटालिक पर कब्जा करने की कोशिश की. उनका प्रारंभिक लक्ष्य नेशनल हाईवे 1-ए था, जो श्रीनगर और लद्दाख को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क थी. राजमार्ग और आसपास के शहरों को निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तानियों ने टाइगर हिल, टोलोलिंग, मारपोला, माशोको, जुबेर और टर्टुक सहित कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर कब्जा जमा लिया था.

पढ़ें-तिरंगा लहराकर संजय गुरुंग ने दी थी शहादत, पहाड़ों पर आज भी गूंजते हैं वीरता के किस्से

भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी दुश्मनों को धूल चटाकर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल कायम किया. 59 दिनों तक चला युद्ध आखिरकार 26 जुलाई, 1999 को समाप्त हो गया. भारत ने अपनी चौकियों पर दोबारा तिरंगा लहराया और दुश्मनों को को सीमा पार धकेल दिया. ऑपरेशन विजय की सफलता पर देशभर में 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

पढ़ें-जरा याद करो कुर्बानी: कब तक सिर्फ किस्से और कहानियों में ही याद किये जाते रहेंगे शहीद?

युद्ध के दौरान 527 भारतीय सैनिकों ने अपना बलिदान दिया. जो सैनिक बच गए वो दुश्मनों के दुस्साहस और सेना के पराक्रम को बता रहे हैं. युद्ध केवल जवानों ने नहीं लड़ा बल्कि उन परिवारों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा, जिन्होंने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया. सीमा के दोनों ओर आम जनता को भी इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी.

भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध यूं तो 20 साल पहले समाप्त हो गया लेकिन परमाणु संपन्न दोनों पड़ोसी देशों में अब भी रिश्ते तल्ख हैं. सीमा पर अब भी अचानक बंदूकें गरजने लगती हैं और फिजा में तैरती बारूद की गंध हर पल सावधान रहने का इशारा करती है.

Last Updated : Jul 26, 2019, 12:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details