वन महकमे में संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखेगी 'तीसरी आंख' देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में महत्वपूर्ण फाइलों के गायब होने से हड़कंप मचा हुआ है. खास बात यह है कि मामला सामने के आने के बाद आज विभाग की चौथी मंजिल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं. उधर गायब होने वाली फाइल कौन सी हैं, इस पर अब भी सस्पेंस बरकरार है.
उत्तराखंड वन विभाग में कुछ महत्वपूर्ण फाइलें अचानक कार्यालय से गायब हो गई हैं. जिसमें पिरूल से कोयला बनाने के प्रोजेक्ट की फाइल होने के साथ कुछ दूसरी पत्रावलियां भी बताई जा रही हैं. जिनकी जानकारी विभाग सार्वजनिक करने से बच रहा है. ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि गायब होने वाली फाइलों में किसी बड़े मामले से जुड़ी फाइल भी हो सकती है. खासकर कर्मचारियों की जांच या बजट में गड़बड़ी से जुड़ी पत्रावली अभी इसमें हो सकती है. हालांकि विभाग फिलहाल इस पर कुछ भी नहीं कह रहा है.बता दें कि सीसीएस निशांत वर्मा के पास एक तरफ आपदा एवं वनाग्नि की जिम्मेदारी है. साथ ही मानव संसाधन की जिम्मेदारी भी उनके द्वारा देखी जा रही है.
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जाहिर है कि दो जिम्मेदारियां उनके पास हैं तो उनके कार्यालय में दोनों ही कार्यालयों की फाइलें मौजूद थी. बताया जा रहा है कि गायब होने वाली फाइलों में बजट से लेकर कर्मचारियों से जुड़े विषयों की पत्रावली भी शामिल हो सकती है.विभाग से इन फाइलों के गायब होने के बाद से ही अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, फाइलें गायब होने की जानकारी मिलने के बाद इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाए जाने की तैयारी भी की जा रही है. दूसरी तरफ फाइलें गायब होने के चलते विभाग के चौथी मंजिल पर जहां यह कार्यालय है वहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं. ताकि आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जा सके.
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बड़ी बात यह भी है कि हाल ही में वन विभाग में नए मुखिया के तौर पर अनूप मलिक ने जिम्मेदारी संभाली है और जिम्मेदारी संभालने के साथ ही उनके विभाग में फाइलों के गायब होने का मामला प्रकाश में आ गया है. वहीं वन विभाग में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स अनूप मलिक ने बताया कि दो पत्रावलियां ऐसी हैं जो कार्यालय से गायब बताई गई हैं. जिनकी डिटेल लेने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इन पत्रावली हो में कौन-कौन से विषयों के कागज है, इस पर पूरी विस्तृत जानकारी ली जा रही है. साथ ही भविष्य में इस तरह की चीजें सामने ना आए इसके लिए सख्त निर्देश भी दिए गए हैं.
अनूप मलिक ने बताई प्राथमिकताएं अनूप मलिक ने बताई प्राथमिकताएं:वहीं अनूप मलिक ने चार्ज लेने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को जाहिर किया. अनूप मलिक से ईटीवी भारत संवाददाता ने विभाग के विभिन्न कार्यों को लेकर बातचीत की और महकमे में उनकी प्राथमिकताओं को जानने की कोशिश की. उत्तराखंड वन विभाग में ऐसी कई चुनौतियां हैं जिनका सामना अब विभाग के मुखिया के तौर पर अनूप मलिक को भी करना होगा. राज्य में इस समय फॉरेस्ट फायर सीजन चल रहा है. लिहाजा पहली चुनौती फॉरेस्ट फायर को लेकर ही होगी. हालांकि अच्छी बात यह है कि मौसम में बदलाव के चलते फिलहाल राज्य भर में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है, जिसके कारण इस साल अब तक के फायर सीजन में आग की घटनाओं को बेहद कम देखने को मिली है.
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लेकिन अभी करीब 2 महीने से ज्यादा का वक्त फायर सीजन को हैं, ऐसे में इस दौरान बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता महसूस की जाएगी. इस मामले पर अनूप मलिक ने कहा कि तकनीक का हमेशा सही एक अहम योगदान रहता है और तकनीक को साथ लेते हुए विभाग में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रयास किए जाएंगे. दूसरा विषय मानव वन्यजीव संघर्ष का है, जिसके लिए अनूप मलिक का मानना है कि विभाग की तरफ से पहले ही बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य सरकार भी जरूरी कदम उठाकर इस संघर्ष को रोकने के लिए विभाग की मदद कर रही है. हाल ही में राज्य कैबिनेट की तरफ से इसके लिए प्रकोष्ठ बनाने और दो करोड़ के कॉर्पस फंड को तैयार करने की बात कही गई है. वन विभाग में कर्मचारियों की समस्याओं और उनके विभाग में लंबित मामलों पर भी बतौर वन मुखिया अनूप मलिक ने कदम बढ़ाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मदद से विभाग में कोई भी कार्य नहीं हो सकता, लिहाजा एक टीम वर्क को ध्यान में रखकर विभाग में कर्मचारियों के हितों को लेकर कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा.