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हरिद्वार लोकसभा सीट पर डिफेंसिव भाजपा को अटैकिंग मोड में लाई सीबीआई, जांच की गुगली में फंसे विरोधी!

Equation of Haridwar Lok Sabha seat लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं. लेकिन उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर अभी से गुणा गणित लगना शुरू हो गया है. ज्यादातर त्रिकोणीय मुकाबले वाली हरिद्वार लोकसभा सीट हालांकि अभी बीजेपी के कब्जे में है, लेकिन इस बार कांग्रेस से हरीश रावत और हरक सिंह रावत इस सीट के चुनाव के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. इस बीच सीबीआई जांच के शिकंजे में आए हरीश रावत, हरक सिंह और उमेश शर्मा की दावेदारी पर संशय के बादल मंडराने से बीजेपी को फिर से जीत की खुशबू महसूस हो रही है. CBI investigation of Harish Rawat

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हरिद्वार लोकसभा चुनाव 2024

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 31, 2023, 12:05 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 3:17 PM IST

सीबीआई जांच से बिगड़ा कांग्रेस का खेल!

देहरादून:उत्तराखंड में हरिद्वार लोकसभा सीट को अब तक सबसे कड़े मुकाबले के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन राजनीतिक मैदान में नेताओं की नूरा कुश्ती के बीच सीबीआई की एंट्री ने पूरे माहौल को ही बदल कर रख दिया है. स्थिति यह है कि डिफेंसिव मोड पर दिखने वाली भाजपा अब फ्रंट फुट पर खेलने को तैयार दिख रही है. भारतीय जनता पार्टी ने सीबीआई की गुगली की बदौलत खुद को इस मैदान में फ्रंटफुट पर ला खड़ा किया है.

हरिद्वार लोकसभा सीट पर होगा कड़ा मुकाबला: उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटों में से हरिद्वार लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे टफ मुकाबला के रूप में देखी जा रही है. इसकी वजह इस सीट पर जातीय समीकरण से लेकर राजनीतिक दलों के बीच बंटे हुए वोट बैंक को माना जा रहा है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के रूप में भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी मुकाबले में शामिल रही है. लेकिन राज्य में सीबीआई की एंट्री के साथ ही इस सीट पर बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. दरअसल सीबीआई इन दिनों 2016 के स्टिंग प्रकरण की जांच को तेज कर चुकी है. यही नहीं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान मामले पर भी जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. इन दोनों ही प्रकरणों का जिक्र इसलिए किया गया, क्योंकि इन मामलों में सीबीआई को जांच सौंप गई है और इनमें राजनेता भी सीबीआई के रडार पर हैं.

क्या हैं सीबीआई जांच के रडार पर आए ये प्रकरण:साल 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के दौरान दल बदल के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था. उस वीडियो में सरकार बचाने के लिए अपने विधायकों को पार्टी में ही बनाने के लिए हरीश रावत भ्रष्टाचार को लेकर आंख मूंदे रखने की बात कहते हुए नजर आए थे. इसके बाद इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश हुए थे और दल बदल में खरीद फरोख्त मामले के तहत सीबीआई ने जांच शुरू की थी. इस मामले में उस समय हरीश रावत के खिलाफ हरक सिंह रावत मोर्चा खोलते हुए नजर आए थे. लेकिन अब हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी के बाद यह दोनों ही दिग्गज नेता सीबीआई की जांच में रडार पर हैं.

कॉर्बेट में पेड़ कटान बना गले की फांस:दूसरा मामला कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने का है, जिस पर सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं. इस मामले में भी सीबीआई के रडार पर जल्द ही कांग्रेस के नेता हरक सिंह रावत आ सकते हैं. खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी से हरक सिंह रावत और हरीश रावत दोनों ही हरिद्वार लोकसभा सीट के प्रबल दावेदार हैं और सबसे बड़े चेहरे हैं. बड़ी बात यह भी है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने को लेकर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती थी. लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट नहीं जाने का फैसला लिया, जिससे साफ है कि सरकार भी इस पर सीबीआई जांच के पक्ष में थी.

कांग्रेस ने कहा बीजेपी घबरा गई है:इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मजबूत पकड़ और भाजपा अपनी हार की आशंका को देखते हुए घबरा गई है. इसीलिए इस तरह सबसे बड़ी जांच एजेंसी को पार्टी के नेताओं के खिलाफ लगा दिया गया है. हालांकि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि इससे कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ेगा. पार्टी और भी मजबूती के साथ इस सीट पर चुनाव लड़ते हुए जीतने का काम करेगी.
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हरिद्वार लोकसभा सीट पर होता है त्रिकोणीय मुकाबला:हरिद्वार लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सीधे टक्कर लेती हुई दिखाई देती है. उत्तराखंड कांग्रेस से सीट पर मौजूदा दोनों दावेदार सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. वहीं इसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी सीबीआई की जांच में रडार पर हैं. निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा खानपुर से विधायक हैं और वह लोकसभा चुनाव लड़ने की तमाम मंचों पर बात कहते हुए नजर आए हैं. जाहिर है कि कांग्रेस और भाजपा को टक्कर देने वाली बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय के रूप में वह लोकसभा चुनाव में ताल ठोक सकते हैं. लेकिन सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, मामले पर राजनेता भी शिकंजे में करते हुए नजर आ रहे हैं. फिलहाल स्टिंग मामले में 6 नवंबर को वॉइस रिकॉर्डिंग के लिए सीबीआई ने इन नेताओं को समन दिया है. हालांकि हरीश रावत ने घायल होने के कारण थोड़ी मोहलत मांगी है.
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सीबीआई जांच के शिकंजे ने इनके उड़ाए होश:वैसे तो सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह अपने तरीके से काम करती है. लेकिन जाने अनजाने सीबीआई की उत्तराखंड में एंट्री से हरिद्वार लोकसभा सीट पर राजनीतिक समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं. सीबीआई जांच के कारण जहां इन नेताओं की चिंताएं बढ़ गई हैं, वहीं इसका सीधा असर इनके लोकसभा चुनाव की तैयारी पर भी पड़ना तय है.

बीजेपी को हरिद्वार लोकसभा सीट जीतने का भरोसा:इस मामले में कांग्रेस की तरफ से अपने नेताओं के पक्ष में आते हुए भाजपा पर लगाए गए आरोपों का जवाब सत्ताधारी भाजपा के नेताओं ने भी दिया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला की मानें तो भाजपा हरिद्वार लोकसभा सीट पर चुनाव जीतने जा रही है. कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं. सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह किसी के दबाव में काम नहीं करती. सीबीआई का दुरुपयोग यूपीए सरकार के द्वारा होता था. एनडीए सरकार में सीबीआई को जांच के लिए पूरी छूट दी गई है.
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Last Updated : Oct 31, 2023, 3:17 PM IST

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