देहरादून: पुलिस मुख्यालय और एसएसपी के सख्त आदेश के बाद भी राज्य के कई थाना, चौकियों की हठधर्मिता चरम पर है. जिस वजह से छोटी से छोटी शिकायतें भी पुलिस मुख्यालय में लगातार पहुंच रही हैं. ताजा मामला राजधानी देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी का है. यहां चार दिन पहले एक साइकिल सवार इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार कर घायल कर दिया. जिसके बाद कार चालक फरार हो गया. लेकिन पुलिस ने इसकी रिपोर्ट नहीं लिखी. अब पुलिस मुख्यालय के हस्तक्षेप के बाद आरोपी कार चालक के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.
DG अशोक कुमार ने सुनी हादसे में घायल छात्र की शिकायत पीड़ित छात्र, कार चालक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पिछले चार दिनों से थाना नेहरू कॉलोनी के चक्कर काट रहा था, लेकिन पुलिस मामले को गंभीरता से न लेते हुए टाल मटोल कर रही थी. साथ ही पुलिस द्वारा पीड़ित छात्र को रात के समय साइकिल न चलाने के साथ ही शराबी वाहनों चालकों से बचकर रहने की नसीहत दी जा रही थी. जिसके बाद बुधवार को पीड़ित छात्र शिकायत करने पुलिस मुख्यालय पहुंच गया. मामले को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने थाना नेहरू पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए.
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पीड़ित छात्र ने बताया कि चार दिन पहले जब वह रात के नौ बजे अपने भाई के साथ साइकिलिंग कर रहा था तभी नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में बेकाबू कार ने उसे टक्कर मार कर घायल कर दिया. इस दौरान छात्र और उसके भाई दोनों की साइकिलें टूट गईं. आरोपी चालक एक्सीडेंट कर फरार हो गया. पीड़ित छात्र शिकायत लेकर नेहरू थाना कॉलोनी गया. जहां पुलिस मामले में शिकायत दर्ज न कर छात्र को रात में साइकिल न चलाने के साथ ही शराबी वाहन चालकों से बचकर रहने की नसीहत देती रही.
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डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने भी माना कि थाने स्तर पर इस तरह की छोटी से छोटी सुनवाई न होना गंभीर बात है. इसके लिए संबंधित थाना से जवाब-तलब किया गया है. वहीं घटना के दौरान कार चालक फरार हुआ था उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. बता दें कि प्रदेश में थाना चौकियों द्वारा छोटे-छोटे मामले की सुनवाई न होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले थाना स्तर पर निस्तारित न होने के चलते पुलिस मुख्यालय में आते रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि थाना-चौकी स्तर पर होने वाली सामान्य रूप से कार्रवाई के लिए अगर पुलिस मुख्यालय को ही हस्तक्षेप करना पड़ेगा तो ऐसे में थाना-चौकी पुलिस क्या कर रही है.