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हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामला: वसीम रिजवी के खिलाफ केस दर्ज, जांच में जुटी पुलिस - case registered against Wasim Rizvi in Haridwar

धर्म संसद के विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वसीम रिजवी व अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामला

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Published : Dec 23, 2021, 10:53 PM IST

देहरादून: हरिद्वार धर्म संसद में विवादित बयान को लेकर वसीम रिजवी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. जिसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो पर संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है.

हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar dharma sansad) के 4 दिन बाद अब सोशल मीडिया पर साधु-संतों द्वारा दिए गए बयानों से बवाल मचा हुआ है. सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की जा रही है. अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अमेरिका की पूर्व टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने धर्म संसद का वीडियो ट्वीट किया है.

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धर्म संसद में विवादित बयान के बढ़ते वबाल को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस एक्शन में आ गई है. सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया है. हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज राजेंद्र कठैत ने बताया ज्वालापुर के स्थानीय निवासी गुलबहार खान ने धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर तहरीर हरिद्वार कोतवाली में दी है. फिलहाल हमारे द्वारा मामले की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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बता दें धर्म संसद में वक्‍ताओं ने कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्‍ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया था. धर्म संसद में 500 के आसपास महामंडलेश्वर महंत थे और 700-800 अन्य संत थे. धर्म संसद में जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, रुड़की के सागर सिंधुराज महाराज, संभवी धाम के आनंद स्वरूप महाराज, जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां, पटना के धर्मदास महाराज शामिल थे. इन सभी ने धर्म संसद में अपने विचारों को रखा.

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