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चिटहरा भूमि घोटाले में 9 लोगों पर FIR, उत्तराखंड के इन IAS-IPS अफसरों के परिजनों के नाम भी शामिल

चिटहरा भूमि घोटाले में सीएम योगी के निर्देश के बाद 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी यशपाल तोमर पर भी धारा 467, 468, 476 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. आईएएस मीनाक्षी सुंदरम, आईएएस बृजेश संत और आईपीएस राजीव स्वरूप के परिजनों के नाम सामने आए हैं. ये सभी अधिकारी हरिद्वार जिले में डीएम और एसएसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं.

Gangster Yashpal Tomar
गैंगस्टर यशपाल

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Published : May 23, 2022, 8:59 PM IST

Updated : May 23, 2022, 10:40 PM IST

देहरादून: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में सैकड़ों एकड़ जमीन घोटाले के मामले में जिले की पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. यूपी-उत्तराखंड का गैंगस्टर और चिटहरा भूमि घोटाले के मुख्य आरोपी यशपाल तोमर के कारनामों की जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं, वैसे ही चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. गैंगस्टर यशपाल तोमर ने ऐसे ही 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति खड़ी नहीं कर दी थी, इसमें उसके साथ उत्तराखंड के बड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का भी गठजोड़ सामने आ रहा है. यशपाल तोमर ने उत्तराखंड के बड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के परिजनों के नाम पर भी करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी है. इसका खुलासा यूपी के ग्रेटर नोएडा जिले के दादरी थाने में दर्ज हुए मुकदमे में हुआ है. उत्तराखंड के इन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

FIR में इन अधिकारियों के परिजनों के नाम शामिल:उत्तराखंड के सचिव मुख्यमंत्री आईएएस मीनाक्षी सुंदरम के ससुर एम भास्करन का नाम FIR में शामिल है. एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) सचिव आईएएस बृजेश संत के पिता का केएम संत उर्फ खचेरमल का नाम FIR में शामिल है. उत्तराखंड के डीआईजी राजीव स्वरूप की माता सरस्वती देवी का नाम FIR में शामिल है. मीनाक्षी सुंदरम हरिद्वार में जिलाधिकारी रह चुके हैं. राजीव स्वरूप दो बार हरिद्वार में कप्तान रह चुके हैं और बृजेश संत हरिद्वार के डीएम रह चुके हैं.

उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में खलबली:इस खुलासे के बाद उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में खलबली मची हुई है. बताया जा रहा है कि ये तीनों अधिकारी हरिद्वार में डीएम और एसएसपी के पद पर तैनात रहे हैं. इसी दौरान उन्होंने यशपाल तोमर की मदद की और उसी के बल पर यशपाल तोमर ने उत्तराखंड में करोड़ों रुपए के ज्यादा की अवैध संपत्ति खड़ी कर दी. हालांकि, इन तीनों अधिकारियों ने सीधे संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लिया है, बल्कि अवैध संपत्ति को बड़ा हिस्सा अपने परिजनों के नाम करवाया है. ताकि किसी को शक न हो सके, लेकिन अब सारा राज बाहर आ गया है.
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गैंगस्टर यशपाल तोमर के साथ मिलकर उत्तराखंड के अधिकारियों ने जो अवैध संपत्ति कमाई है, उस पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने से बच रहा है. जानकारी के अनुसार, मामला अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों के अवैध फर्जीवाड़े से जुड़ा है. वहीं, हरिद्वार में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने यशपाल तोमर की अवैध संपत्ति अर्जित करने में जो मदद की है, उसके बदले अधिकारियों के परिजनों को यूपी के ग्रेटर नोएडा में बड़ा हिस्सा दिया गया है. कुख्यात भू-माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड और यूपी की पुलिस अलग-अलग कार्रवाई कर रही है. रविवार 22 मई को ही ग्रेटर नोएडा की दादरी कोतवाली में गैंगस्टर यशपाल तोमर सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

क्या है दादरी चिटहरा भूमि घोटाला? नोएडा के दादरी थाने के ग्राम चिटहरा एवं प्रबंधन समिति द्वारा जुलाई 1997 को 282 लोगों को कृषि भूमि आवंटन का प्रस्ताव दिया गया था. उस वक्त के जिलाधिकारी द्वारा 20 अगस्त 1997 को स्वीकृति प्रदान की. आरोप है कि मुख्य आरोपी यशपाल तोमर ने कर्मवीर, बेलू तथा कृष्णपाल जो यशपाल के गांव बरवाला के रहने वाले थे. उनके नाम सैकड़ों बीघा जमीन चिटहरा निवासी बनाकर पट्टा कराएगा, जबकि जांच के दौरान पता चला कि यह लोग इतने गरीब है कि पढ़ना लिखना भी नहीं जानते. इतना ही नहीं इन लोगों के नाम से जमीन की पावर अटार्नी अपने परिचित नौकर के पुत्र वीरेंद्र सिंह के नाम करा दिया. साथ ही अधिकारियों से मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.
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इन लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा-

  • यशपाल तोमर पुत्र महेन्द्र तोमर निवासी दिल्ली.
  • नरेंद्र कुमार पुत्र पितांबर लाल निवासी बागपत यूपी.
  • कर्मवीर पुत्र प्यारे लाल निवासी बागपत यूपी.
  • बैलू पुत्र रामस्वरूप निवासी बागपत यूपी.
  • कृष्णपाल पुत्र छोटे निवासी बागपत यूपी.
  • एम भास्करन पुत्र मनीअईयम पिल्लई निवासी ग्रेटर चेन्नई तमिलनाडु.
  • केएम संत उर्फ खचेरमल पुत्र रवति प्रसाद निवासी अलीगढ़ यूपी.
  • गिरीश वर्मा पुत्र रामप्रताप वर्मा निवासी ग्रेटर नोएडा.
  • सरस्वती देवी पत्नी रामस्वरूप राम निवासी पटना बिहार.

यशपाल तोमर की बोलती थी तूती:कभी पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में यशपाल तोमर की तूती बोलती थी, लेकिन उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने पिछले दिनों यशपाल को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रोशनाबाद जेल में बंद कर दिया. इस गिरफ्तार के साथ ही यशपाल तोमर का रसूख हवा हो गया और अब कब्जाई गई जमीनों की कुर्की शुरू हो गई है. हरिद्वार जिला कोर्ट के आदेश पर बीते दिनों उत्तराखंड एसटीएफ ने यशपाल तोमर की 153 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की थी.

यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार जिले के ज्वालापुर, शहर कोतवाली और कनखल थाने में मुकदमे दर्ज हुए थे. यशपाल तोमर की गिनती उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी के बड़े भू-माफियाओं में होती है. यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार में कनखल थाने में कांग्रेस नेता के घर में घुसकर प्रॉपर्टी कब्जाने को लेकर हत्या करने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज है.
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यशपाल तोमर बड़े बड़े लोगों से रखता था संपर्क:जांच पड़ताल से साबित होता है कि यशपाल तोमर बड़े-बड़े लोगों से संपर्क रखता था. बिहार से लेकर राजस्थान, पंजाब से लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बड़े लोगों के संपर्क में था. इस वजह से असानी से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मुआवजा लिया गया, जो करोड़ों की तादात में है. न्यायालयों के निष्कर्षों का पत्रावली पर उपलब्ध होते हुए भी संज्ञान में नहीं लिया गया.

किसान से गैंगस्टर बनने का सफर:​​बागपत बरवाला थाना क्षेत्र रमाला गांव निवासी यशपाल तोमर पेशे से किसान था. परिवार में पांच भाइयों के पास करीब नौ बीघा जमीन थी. यशपाल ने साल 2000 में कार चोरी के फर्जी कागजात बनवाने से अपराध की दुनिया में कदम रखा था. उसने गुरुग्राम से चोरी की गई गाड़ी के फर्जी दस्तावेज बनवाए और बागपत के किसी शख्स के पहचान पत्र के आधार पर उन्हें कोर्ट में पेश करके किसी और के नाम से कार रिलीज कराई. इसके बाद यशपाल का फर्जीवाड़ा रुका नहीं. यहां तक कि उसने कोर्ट से एनकाउंटर के दौरान जब्त मारुति कार को भी फर्जी तरीके से रिलीज करा लिया था.

जमीनों को फर्जी कागज बनवाकर हड़पने से लेकर वो लोगों पर फर्जी मुकदमे कराने लगा. साल 2002 में हरिद्वार के थाना कोतवाली में पुलिस पर जानलेवा हमला, हथियार लूटने और धोखाधड़ी के आरोप में यशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. आज अरबों रुपए की संपत्ति कब्जाने वाला यशपाल कार चोरी के फर्जी कागजात बनवाने से लेकर जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कराने और फर्जी मुकदमे करवाने में माहिर है.

देहरादून, लोनी, बागपत में जब्त हो चुकी संपत्ति: यशपाल की 153 करोड़ की जमीन उत्तराखंड एसटीएफ जब्त कर चुकी है. करीब 20 दिन पहले यूपी लोनी रेल विहार कॉलोनी में यशपाल की साढ़े 11 करोड़ कीमत की दो संपत्तियों को प्रशासन ने कुर्क की थी. अप्रैल 2022 में बागपत में यशपाल के लगभग 118 लाख कीमत के दो प्लाट और कृषि भूमि को कुर्क कर सील किया गया. इसमें 8 लाख रुपए के 148 वर्ग गज का प्लाट, 20 लाख कीमत का 427 वर्ग गज का प्लाट, 90 लाख कीमत की 12.447 हेक्टेयर जमीन शामिल है.

ऐसे करता था खेल: साल 2004 में हरिद्वार के व्यापारी के खिलाफ सहारनपुर जिले के थाना सरसावा और गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण, बलात्कार के फर्जी मुकदमे दर्ज कराए. मुकदमे वापस लेने के एवज में दबाव बनाकर व्यापारी की भूपतवाला स्थित करोड़ों की जमीन औने-पौने दाम में खरीद ली. यशपाल के गैंग से जुड़े महिला और पुरुष उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान के अलग-अलग जगहों पर लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर उनकी जमीनें हड़पने का काम करते थे.

बुलेटप्रूफ कार भी रखता है ये गैंगस्टर:बताते हैं कि यशपाल ने मेरठ से एक बुलेटप्रूफ कार तैयार कराई थी, जो उसके पास है. आस-पास के इलाके में उसका रसूख भी जबरदस्त है. वह गांव के आयोजनों में बतौर मुख्य अतिथि जाता था. इस दौरान उसके साथ कई लोगों को हुजूम रहता था. गैंगस्टर यशपाल पर मेरठ, हरिद्वार, नैनीताल, सहारनपुर, गाजियाबाद में तमाम आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं.

Last Updated : May 23, 2022, 10:40 PM IST

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