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हरदा के बगावती तेवरों पर कैप्टन अमरिंदर का तीखा तंज, 'जो बोओगे वही काटोगे'

हरीश रावत के बगावती तेवर आज दिन भर सुर्खियों में बने रहे. उनके बगावती सोशल मीडिया पर किये गये पोस्ट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत के लिए लिखा है, 'जो आप बोओगे वही काटोगे!'

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हरदा के बगावती तेवरों पर कैंप्टन अमरिंदर ने कसा तंज

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Published : Dec 22, 2021, 8:54 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 9:55 PM IST

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत की एक पोस्ट से उत्तराखंड में बवाल मचा हुआ है. हरीश रावत के बागी तेवरों को देखते हुए अब सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. उत्तराखंड में घट रहे इस सियासी घटनाक्रम पर पंजाब के पूर्व सीएम कैंप्टन अमरिंदर सिंह ने द्वीट किया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत को पंजाब के दिनों की याद दिलाते हुए लिखा है ' जो आप बोओगे वही काटोगे! आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं'

बता दें जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के सीएम थे तब हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी थे. कहा जाता है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धु को आगे बढ़ाने में हरीश रावत की बड़ी भूमिका रही थी. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए हरीश रावत ने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को नंजरअदाज किया. तब कैप्टन अमरिंदर भी कुछ ऐसी ही भाषा बोल रहे थे जैसी आज हरीश रावत बोल रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने से कैप्टन अमरिंदर काफी नाराज थे.

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तब उन्होंने इसे लेकर हरीश रावत से बात भी की थी. तब हरीश रावत ने पॉलिटिक्ल स्टंट दिखाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ कांग्रेस की कमान दे दी थी. तब कैप्टन अमरिंदर ने नाराज होकर कांग्रेस इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद पंजाब में चन्नी को नया सीएम बनाने में भी हरीश रावत का प्रमुख भूमिका रही थी. हरीश रावत तब पंजाब में घटे सियासी घटनाक्रम के सूत्रधार थे. यही कारण है कि अब जैसे ही हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावती तेवर दिखाई तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी उन पर चुटकी ली. वे हरीश रावत को पिछले दिनों की याद दिलाते हुए हरीश रावत पर तंज कस रहे हैं.

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दरअसल, हरीश रावत की नाराजगी का जो पूरा मामला सामने निकलकर आ रहा है उसे देखें तो वो राहुल गांधी की देहरादून रैली से जुड़ रहा है. बीती 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली हुई थी. बताया जा रहा है कि इस रैली में राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के अलावा हरीश रावत के भी पोस्टर लगाए गये थे, लेकिन हरीश रावत के पोस्टरों को हटा दिया गया और ये सब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने हुआ.

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माना जा रहा है कि हरीश रावत, देवेंद्र यादव के पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे हैं. हरीश रावत ने कुछ महीनों पर पहले पार्टी हाईकमान के मांग की थी कि वो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीएम चेहरे की घोषणा करें, लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने उनकी इस मांग को नकाराते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी.

कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ हरीश रावत के बागी तेवर पर उनके सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने खुलासा किया है. सुरेंद्र अग्रवाल ने उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं.सुरेंद्र अग्रवाल ने बिना नाम लिए कहा कि, कांग्रेस की कोई बड़ी ताकत बीजेपी के हाथों में खेल रही है, जो कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं में बाधा पैदा कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सब के लिए सम्मानित हैं. प्रभारी का काम होता है सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच में सामंजस्य बैठाकर चले. लेकिन यदि प्रभारी किसी की पार्टी बनते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस तरह का आभास हो रहा है, वहीं पार्टी में अंदरखाने इस तरह की फुसफुसाहट भी है कि कांग्रेस के कुछ जिम्मेदार लोगों को बीजेपी अपने जाल में फंसा रही है. हालांकि, प्रभारी देवेंद्र यादव वैसे तो काफी सम्मानित हैं, लेकिन कार्यकर्ता जो इशारा कर रहे हैं, वो बड़ा गंभीर मामला है. अग्रवाल ने संदेश जताया कि, बीजेपी ने कांग्रेस के किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा. उन्होंने हरीश रावत और कांग्रेस के सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे सहयोगी को गुमराह किया होगा. बीजेपी ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है.

हरीश रावत का पोस्ट-

चुनाव रूपी समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है'. 'जिस समुद्र में तैरना है, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'. चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है, 'न दैन्यं न पलायनम. बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया साल शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे. सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है'.

Last Updated : Dec 22, 2021, 9:55 PM IST

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