देहरादूनःविधानसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका होती है. उम्मीदवार का चयन करने के लिए पार्टी पहले सर्वे कराती है. आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने ही शेष बचे हैं. लिहाजा राजनीतिक पार्टियां ने चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया तेज कर दी है.
चुनाव से पहले राजनीतिक दल कई मापदंडों के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन करते हैं. ये मापदंड पार्टियां निर्धारित करती हैं. उन मापदंडों पर खरा उतरने वाले नेता को ही पार्टी टिकट दिया जाता है. यानी कुल मिलाकर देखें तो जिताऊ उम्मीदवार को ही पार्टी टिकट देती है. आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन पार्टियों के लिए काफी चुनौती भरा साबित होने वाला है. क्योंकि साल 2017 के चुनाव में चुनावी परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. 57 सीट भाजपा तो 11 सीट कांग्रेस ने जीती थीं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के लिए टिकट बंटवारा चुनौती भरा है.
2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों के बीच टिकट बंटवारे से पहले चर्चा है कि पार्टी मौजूदा विधायकों में से कई विधायकों के टिकट काट सकती है. वहीं, कांग्रेस आगामी चुनाव में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढने के लिए दमखम से तैयारियों में जुटी हुई. क्योंकि, साल 2017 में कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर ही सिमट गई थी. ऐसे में 2022 में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी तरह भाजपा में भी जिताऊ कैंडिडेट को टिकट देने के लिए विधायकों की कार्यशैली पर पार्टी नजर बनाए हुए है.