विकासनगर: चकराता वन प्रभाग की देववन औषधीय पौधशाला में कैंसर रोधी पौधे टैक्सस (थूनेर) की पौध तैयार की जा रही है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने शोध में पाया की इस पौधे की पत्तियों में कैंसर रोधी गुण हैं. बता दें, देव वन पौधशाला में 55 प्रकार की औषधीय पौध तैयार की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से टैक्सस (थुनेर) की पौध विशेष रूप से 10 से 35 डिग्री के तापमान पर तैयार की जा रही है.
उत्तराखंड में कैंसर रोधी पौधा. समुंद्र तल से लगभग 9 हजार फीट की ऊंचाई पर इस पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है. वन विभाग चकराता द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट की जंगलों में काफी संख्या में थूनेर के पौधों का रोपण किया हैं. साथ ही 60 हजार पौधे विभिन्न रैजों में भेजे गए हैं.
डिप्टी रेंजर कातकू राम ने बताया कि देववन की इस पौधशाला के माध्यम में देश के विभिन्न राज्यों से IFS, PFS, डीडीआर क्लास, फॉरेस्ट क्लास, आयुर्वेदिक कॉलेज अलीगढ़ व ग्रामीणों को औषधीय पौधों की जानकारी दी गई है. विकासनगर पहुंचे तमिलनाडु के कोयंबटूर से 29 सदस्यों को डिप्टी रेंजर कातकू राम ने कैंसर रोधी औषधीय पौधे टैक्सस (थुनेर) के बारे में जानकारी दी.
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डिप्टी रेंजर चकराता वन प्रभाग के कातकू राम ने बताया की अमेरिकी विज्ञानिकों ने टैक्सस (थुनेर) के पौधों की पत्तियों से निकलने वाली मेडिसिन टेकसॉल कहा जाता है, जो कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता है, तीन साल पहले थूनेर की एक ग्राम की कीमत तीन लाख साठ हजार आंकी गई थी.