देहरादून:आगामी 12 जून को ही भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) की पासिंग आउट परेड आयोजित की जाएगी. कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक, इस बार पासिंग आउट परेड में ऑफिसर बनने वाले कैडेट्स के परिजन और मेहमानों को शामिल नहीं किया जाएगा. बता दें कि 12 जून 2021 को होने वाली भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड में 341 इंडियन कैडेट्स पास आउट होकर बतौर देश की सेना में ऑफिसर बनेंगे जबकि 84 मित्र देशों के कैडेट्स भी पास आउट होकर अपने देश की सेना की कमान संभालेंगे.
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दरअसल, IMA प्रशासन ने कोरोना को देखते हुए गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक 12 जून को होने वाली पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में पास आउट होने वाले कैडेट्स के परिजन और मेहमान इसका हिस्सा नहीं बन पाएंगे. इसकी पुष्टि खुद IMA प्रशासन ने की है. आपको बता दें कि पासिंग आउट परेड की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंताजम कर रही है. सैन्य प्रशासन जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर तैयारियों में जुटी है.
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कोरोना काल में साल 2020 से यह तीसरी पासिंग आउट परेड है जो कोरोना गाइडलाइन के चलते सीमित कार्यक्रम के दायरे में होने जा रही है. कोविड नियमों के चलते इस पासिंग आउट परेड का नजारा मीडिया कवरेज के लाइव प्रसारण द्वारा देशवासी देख सकते हैं.
...जब IMA में पहली बार कैडेट्स चढ़े थे प्रथम पग
गौर हो कि आईएमए देहरादून के 88 साल का गौरवपूर्ण इतिहास जवानों का सीना गर्व से चौड़ा कर देता है. भारतीय सेना के साथ आईएमए मित्र देशों की सेना को भी अधिकारी देता है. बीते साल, आईएमए परेड 13 जून को संपन्न हुए थी. इस दौरान आईएमए के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया था. जहां कोरोना के कारण पहली बार ऐसा हुआ था कि आईएमए की पासिंग आउट परेड सिर्फ रस्म अदायगी तक ही सीमित थी तो वहीं आईएमए के इतिहास में पहली बार पीपिंग सेरेमनी के दौरान ऑफिसर्स ने कैडेट्स की वर्दी पर रैंक लगाए थे. यही नहीं, पहली बार आईएमए के कैडेट्स चैटवुड बिल्डिंग से अंतिम पग निकालते हुए अपने करियर के प्रथम 'पग' पर भी चढ़े थे. इस बार भी नजारा कुछ ऐसा ही रहेगा.
IMA का इतिहास
बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसे एकेडमी के छात्र रह चुके हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं. आईएमए में हर साल जून और दिसंबर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है. इस परेड के दौरान अंतिम पग पार करते ही कैडेट्स सेना में अधिकारी बन जाते हैं.