हल्द्वानी/देहरादून: विधानसभा चुनाव 2022 के नजदीक आते ही सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई है. भाजपा ने कांग्रेस सहित 2 निर्दलीय विधायकों को पार्टी ज्वाइन करवाई तो उसका जवाब कांग्रेस ने भी दिया. कांग्रेस ने धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री, बाजपुर विधायक यशपाल आर्य और उनके बेटे नैनीताल विधायक संजीव आर्य की आज पार्टी में घर वापसी करवाई. जिसके बाद से ही कुमाऊं क्षेत्र में सियासत का माहौल गर्म हो गया है. यशपाल आर्य न सिर्फ राज्य में बड़े दलित नेता के रूप में जाने जाते हैं, बल्कि उनके कांग्रेस में जाने से कुमाऊं मंडल की 12 सीटों पर प्रभाव पड़ना तय है.
पूर्व में जिन विधानसभा सीटों से यशपाल आर्य ने चुनाव लड़ा है, वहां आज भी उनकी पकड़ उतनी ही मजबूत है. लिहाजा कांग्रेस में वापसी के बाद विधानसभा चुनाव 2022 में यशपाल आर्य के आने से कांग्रेस न सिर्फ मजबूत होगी, बल्कि एक दर्जन से अधिक सीटों पर विजय हासिल कर सकती है.
जानिए क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ:कुमाऊं क्षेत्र में लंबे समय से पत्रकारिता कर रहे राजनीतिक विश्लेषक गणेश पाठक का कहना है कि यशपाल आर्य के कांग्रेस में आने से राज्य में 17 फीसदी दलित वोटों पर प्रभाव पड़ेगा. आगामी विधानसभा चुनाव में बिखरा हुआ दलित वोट वापस कांग्रेस को मिलने की संभावना है. इसके अलावा खटीमा, बाजपुर, नैनीताल, भीमताल, सोमेश्वर, बागेश्वर, गंगोलीहाट जैसी सीटों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इन विधानसभा सीटों में कई में यशपाल आर्य ने खुद चुनाव लड़ा है. कई सीटें दलित बाहुल्य हैं.
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लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं आर्य: जानकारों की मानें तो यशपाल आर्य ने कांग्रेस में वापसी के लिए जिन बातों के लिए सहमति जताई है उसमें न सिर्फ कुमाऊं क्षेत्र से उनके और उनके पुत्र के टिकट की बात कही जा रही है, बल्कि 2024 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं.
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वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी का कहना है कि हरीश रावत ने अभी कुछ दिनों पहले ही दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही थी. उसके बाद अब यशपाल आर्य का बड़े चेहरे के रूप में कांग्रेस में शामिल होना आगे के समीकरण बदल सकता है. तराई के किसान आंदोलन से प्रभावित सीटों पर भी इसका खासा असर देखने को मिल सकता है. तराई के किसान मतदाता बीजेपी से खासे नाराज हैं. यशपाल आर्य का प्रभाव तराई से लेकर पहाड़ तक देखा जा सकता है.
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वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बलुटिया का कहना है यशपाल आर्य पार्टी का बहुत बड़ा चेहरा हैं. उनके कांग्रेस में आने से न सिर्फ पार्टी को मजबूती मिलेगी बल्कि कई और लोगों का घर वापसी का रास्ता भी खुलेगा. ऐसे में यशपाल आर्य किसी भी सीट से चुनाव लड़ें, उनकी जीत तय है. हल्द्वानी की सीट पर चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर दीपक बलुटिया ने कहा कि यशपाल आर्य एनडी तिवारी के काफी करीबी रहे हैं. उनकी राजनीति तिवारी जी की राजनीति से मेल खाती हुई दिखती है. लिहाजा वह हल्द्वानी से भी चुनाव लड़ेंगे तो कांग्रेस पूर्ण रूप से उनका समर्थन करेगी.
कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल: वहीं, यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी को लेकर हल्द्वानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी और मिठाई बांटकर जश्न मनाया. कांग्रेस कुमाऊं मीडिया प्रभारी दीपक बलुटिया की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी और नारेबाजी की.