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देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार पर मंत्री सतपाल महाराज का इनकार - देवस्थानम बोर्ड पर सतपाल महाराज का बयान

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (satpal maharaj) के बयानों से लगा रहा है कि फिलहाल सरकार उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (uttarakhand devasthanam management board) पर कोई विचार करने में मूड में नजर नहीं आ रही है.

satpal maharaj
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Published : Jun 8, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 5:41 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (uttarakhand devasthanam management board) को रद्द करने की मांग को लेकर चारों धाम के तीर्थ-पुरोहित लगातार सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज (satpal maharaj) ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा.

उन्होंने साफ कहा है कि फिलहाल देवस्थानम बोर्ड पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार ने जब उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (devasthanam board) का गठन किया था, तभी से तीर्थ-पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत ने चारों धामों के तीर्थ-पुरोहित को आश्वासन दिया था कि उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर विचार किया जाएगा.

देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार पर विराम

सीएम के आश्वासनके बादतीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने राहत की सांस ली थी. सीएम तीरथ के इस बयान के बाद से ही तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज उम्मीद लगाए बैठे थे कि जल्द ही सरकार उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर विचार करेगी, लेकिन तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज की इन उम्मीदों पर मंत्री सतपाल महाराज ने विराम लगा दिया है.

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मंत्री सतपाल महाराज ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल सरकार उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर विचार नहीं करेगी. मंत्री सतपाल महाराज (satpal maharaj) ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड (devasthanam board) में शामिल 51 मंदिरों को लेकर लोगों में काफी भ्रम की स्थिति है.

बोर्ड में 51 मंदिरों को नहीं बल्कि मुख्य रूप से 4 मंदिरों को शामिल किया गया है. इन चार मुख्य मंदिरों के नीचे ही जो मंदिर शामिल हैं, उन सभी मंदिर को मिलाकर 51 मंदिर हो जाते हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी यही भ्रम था.

उन्होंने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से (tirath singh rawat) बातकर उन्हें सही जानकारी दी गई और समझाया गया कि देवस्थानम बोर्ड के अंतर्गत मुख्य रूप से चार मंदिर ही हैं. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के जो समूह हैं उसके अंदर ही ये सभी मंदिर पहले से ही शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का कार्य चारधाम की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना है, ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके. सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों में भ्रम की स्थिति है, जिसे दूर करने की जरूरत है लेकिन यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अब देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं करेगी.

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मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अगर कोई दिक्कत होगी तो लोग उन्हें बताएं, उसका समाधान किया जाएगा. मंदिर की जो परंपराएं हैं, उनका पूर्ण रूप से निर्वहन किया जाएगा.

कुल मिलाकर देखें तो उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन के बाद से ही लगातार विरोध किया जा रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान के बाद हक हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों में एक आस जरूर जगी थी कि बोर्ड को लेकर पुनर्विचार हो सकता है. लेकिन बोर्ड के पुनर्विचार पर धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने फिलहाल विराम लगा दिया है.

Last Updated : Jun 8, 2021, 5:41 PM IST

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