देहरादून: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है. अभी किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन समस्या को कोई हल नहीं निकाला है. हालांकि, अब बीजेपी किसानों को कृषि कानूनों की खूबियां गिनाने के लिए जमीन स्तर पर जाकर उन्हें समझाएगी. इसी को लेकर रविवार को उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं.
किसानों को समझाने और विपक्ष से निपटने की तैयारी में सरकार शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है. उसी दिशा में कृषि कानूनों में संशोधन किया गया है, लेकिन इन कृषि कानूनों को लेकर कुछ राजनीतिक पार्टियों किसानों को बरगलाने में लगी हुई है. इस कानून से वास्तव में किसानों को लाभ होगा न कि उनका नुकसान.
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शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि इस कानून की अच्छाइयों को बताने के लिए बीजेपी पूरे देश में किसानों के बीच जाएगी. इस दौरान बीजेपी के नेता किसानों को बताएंगे की कृषि कानूनों से किसानों को क्या फायदा होगा. विपक्षी दल कृषि कानूनों को किसानों के सामने गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक, कृषि कानूनों में एमएसपी की व्यवस्था के अलावा किसानों के उन तमाम विषयों को लिया गया है जो कि किसानों के लिए हितकारी हैं. बीजेपी किसानों को इस कानून के फायदे बताने के लिए जमीन स्तर पर जाएगी, जहां वो किसानों से बात करेगी और उनकी सभी शंकाओं को दूर करेगी. बीजेपी किसानों को कृषि कानूनों की वास्तविक स्थिति के बारे में बताएगी ताकि किसान गुमराह न हो.
आंदोलन की आड़ में विपक्षी पार्टियों अपनी रोटियां सेक रही है
हरिद्वार में उत्तराखंड बीजेपी के किसान महामोर्च के महामंत्री योगेंद्र चौहान ने भी प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में विपक्षी पार्टियों अपनी रोटियां सेक रही है. कृषि कानून किसानों के लाभ के लिए ही है. किसान की आय इससे दुगनी होगी और इसमें किसान का विकास ही होगा. भविष्य में सरकार फसल बुवाई के समय ही एमएसपी तय करेगी और अनुबंध खेती के तहत किसान यदि चाहे तो अपनी फसल बाजार भाव पर भी बेच सकता है. अनुबंध केवल फसल का होगा जमीन का नहीं. कोई भी कंपनी किसान की जमीन पर लोन नहीं ले सकेगी. मंडिया खत्म नहीं होंगी अपितु किसान अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बाजार में जाकर बेच सकता है. किसान के मन में यह भी डर है कि मंडी खत्म हो जाएगी पर ऐसा हरगिज़ नहीं होगा. बीजेपी सरकार किसानों से बस इतना ही चहती है कि वह इस बिल को ढंग से समझे और सरकार की तरफ से इस नए कृषि कानून को समर्थन दे.