देहरादून: उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सियासी गलियारों में गहमा-गहमी बढ़ गई है. इसे लेकर जहां एक ओर विकास दुबे के राजनीतिक संबंधों की चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक पार्टियों ने इस एनकाउंटर को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. हालांकि, विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद राजनीतिक पार्टियां अब इस मामले को लेकर गंभीर नजर आ रही हैं. उत्तराखंड में भी इस तरह के आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को राजनीति से संबंध रखने वाले लोगों से दूर रखने की दिशा में विचार किया जा रहा है.
विकास दुबे एनकाउंटर के बाद मदन कौशिक का बयान उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुके विकास दुबे को भले ही पुलिल ने एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया हो लेकिन राजनीतिक दलों से विकास दुबे के जुड़ाव की खबरें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. सोशल मीडिया पर लोग इस एनकाउंटर को राजनीतिक दलों और सफेदपोश चेहरों की कलई खुलने से रोकने के तौर पर देख रहे हैं. पढ़ें-परिवहन निगम को लाखों का घाटा, सवारियों में नहीं हो रहा इजाफा
लोगों का कहना है कि विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, जिसके कारण वो इतने दिनों तक बेखौफ घूमता रहा. कुल मिलाकर विकास दुबे के एनकाउंटर से ज्यादा उसके राजनीतिक सरंक्षण और राजनीतिक दलों में उसकी पैठ के चर्चे हैं.
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उत्तराखंड में सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने इस तरह के मामलों पर चिंता जाहिर की है. मदन कौशिक ने कहा है अगर इस तरह के गुंडा एलिमेंट पार्टियों से जुड़ते हैं तो राजनीतिक पार्टियों को ही इस पर विचार करना चाहिए, इससे पार्टियों की छवि खराब होती है. मदन कौशिक ने कहा बीजेपी वैसे तो सभी पहलुओं को अपने कार्यकर्ता से साझा करती है, उसके बावजूद भी अगर कोई इस तरह का विवादित या आपराधिक व्यक्ति पार्टी से जुड़ता है या जुड़ा है तो उसे लेकर भी पार्टी विचार करेगी.