देहरादून: उत्तराखंड में चाहे कांग्रेस या बीजेपी की सरकार रही हो. दोनों ही सरकारों में कुछ मंत्री ऐसे रहे, जिनका हमेशा से विवादों से नाता रहा. कोई अपनी कार्यशैली से विवादों में रहता है तो, कोई अपने बयानों से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम करता है. वहीं, वर्तमान में धामी सरकार में भी एक मंत्री हैं, जो बयानों और कारनामों से सुर्खियों में बने रहते हैं. हम बात कर रहे हैं शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने की घटना से चर्चा में आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की. जिन्होंने हाल ही में ऐसा बयान दिया है, जिसको लेकर सरकार को सफाई देनी पड़ी है.
गणेश जोशी का राजनीतिक सफर:मसूरी से विधायक गणेश जोशी पूर्व सैनिक भी हैं. 2007 से लगातार वो विधायक बनते आ रहे हैं. उनकी लोकप्रियता उनके क्षेत्र में बेहद है और शायद यही कारण है कि उन्होंने जितने भी अब तक उन्होंने चुनाव लड़े हैं, वह हर चुनाव बड़े मार्जिन से जीते हैं. बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक गणेश जोशी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन 1984 में थामा था. वह देहरादून बीजेपी में अलग-अलग पदों पर हमेशा रहे. साल 2007 में पार्टी ने उन्हें राजपुर विधानसभा से पहली बार टिकट दिया था.
शक्तिमान घोड़े की वजह से चर्चा में आए:मामला 2016 का है, जब विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था. समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. तभी बीजेपी विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंची. पुलिसकर्मियों ने गणेश जोशी सहित बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं को विधानसभा से पहले ही रोकने की कोशिश की. इस दौरान घोड़े पर सवार पुलिसकर्मी लगातार बीजेपी के नेताओं को हिदायत दे रहे थे कि वह बैरिकेड्स के अंदर आकर प्रदर्शन ना करें.
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शक्तिमान की टांग टूटी:इसी दौरान भीड़ को मैनेज करते समय उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई. मामला तब और बड़ा हो गया जब आरोप लगा कि गणेश जोशी के डंडे मारने की वजह से घोड़े की टांग टूटी है. यह खबर केवल देहरादून तक ही चर्चाओं में नहीं रहा, बल्कि नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया ने भी इसे खूब कवर किया.
गणेश जोशी पर लगा आरोप: तब गणेश जोशी का एक फोटो आने की वजह से उनके ऊपर सवाल खड़े होने लगे. फोटो में गणेश जोशी के हाथ में एक डंडा था और वह घोड़े की तरफ डंडे को चलाते हुए नजर आ रहे थे. फिल्म स्टारों से लेकर तमाम बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने गणेश जोशी की खूब आलोचना की. यह मामला बेहद सुर्खियों में रहा. गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और लंबी जद्दोजहद के बाद साल 2021 में गणेश जोशी को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया गया, लेकिन गणेश जोशी पर लगे यह आरोप उनको हमेशा से कटघरे में खड़े करते रहे हैं.
वाड्रा और गणेश जोशी की नोकझोंक:गणेश जोशी के कई किस्से चर्चाओं में है. उन्हीं में से एक किस्सा साल 2016 का है. जब रॉबर्ट वाड्रा से गणेश जोशी देहरादून एयरपोर्ट पर भिड़ गए थे. बताया जाता है कि उस वक्त गणेश जोशी तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज और बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही रॉबर्ट वाड्रा को खबर मिली कि बीजेपी के नेताओं को रिसीव करने के लिए गणेश जोशी पहुंचे हैं, तो उन्होंने शक्तिमान घोड़े की टांग टूटने को लेकर उनसे जानकारी लेनी चाही, लेकिन इस बात से गणेश जोशी आग बबूला हो गए और रॉबर्ट वाड्रा पर तीखी टिप्पणी कर दी. बताया जाता है कि उस वक्त दोनों के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी.