ऋषिकेश: राज्य में औद्योगिक विकास न होने के जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि नौकरशाह हैं. अहम विभाग होने के बावजूद सूबे में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए मजबूत प्रयास नहीं किए गए. इसी लापरवाही से उद्योग सिर्फ राज्य के चार जिलों तक ही सिमट कर रह गए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. रोजगार के लिए पहाड़ के युवाओं को वहीं उद्योग उपलब्ध होंगे. यह कहना है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का.
सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से राज्य में औद्योगीकरण की रफ्तार धीमी है. जिसे बढ़ाने के अब भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. औद्योगिक इकाई स्थापित करने में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने में देरी और डेवलपमेंट चार्ज अधिक होने से दिक्कतें पेश आ रही थी. जिसपर उन्होंने मुख्य सचिव और संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र इसे दूर करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें-शिफन कोर्ट के विस्थापितों को मिला सहारा, कैबिनेट मंत्री ने सौंपा चेक
उन्होंने कहा कि अभी तक देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में ही उद्योग सिमटे थे. जिन्हें अब पहाड़ तक पहुंचाने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इससे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से वापस लौटे प्रदेश के युवाओं को पहाड़ में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा.
मंत्री जोशी ने एनडी तिवारी सरकार में राज्य में लगे उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 फीसदी रोजगार दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए इसे लागू करने की बात कही. उन्होंने इसको लेकर वर्चुअली जिलाधिकारियों से बातचीत की और उन्हें निर्देश दिए कि हर महीने सिडकुल क्षेत्र की समीक्षा की जाएगी. ताकि जानकारी मिल सके ही प्रदेश के कितने प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से जुड़ी योजनाओं को प्रचारित प्रसारित किया जाए.
मंत्री की जुबानी, लापरवाही की कहानी