देहरादूनःहमारा सिस्टम इतना बिगड़ गया है कि जब तक हंटिंग ना करें, तब तक ठीक नहीं हो सकता..ये कहना है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का. सोमवार को विधानसभा कार्यालय में मसूरी विधानसभा क्षेत्र को लेकर पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने ये बात कही.
बता दें कि नौकरशाही के मनमाने ढंग के काम कर रहे हैं, जिसके तमाम मामले सामने आ चुके हैं. जिसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में भी अधिकारियों को यह निर्देश दिए जा चुके थे कि विधायकों मंत्रियों की बातों को ध्यान से न सिर्फ सुना जाए बल्कि, उनके कामों को किया जाए.
अधिकारियों के रवैये पर मंत्री गणेश जोशी सख्त. मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद ही तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से लें. इसी कड़ी में पेयजल विभाग की बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अधिकारियों के नाकारापन पर आक्रोशित हो गए और बैठक के दौरान ही अधिकारियों की न सिर्फ जमकर क्लास लगाई, बल्कि यहां तक कह दिया कि हमारा सिस्टम इतना बिगड़ गया है कि जब तक हंटिंग ना की जाए तब तक नहीं सुधर सकता.
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वही, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हमारा सिस्टम इतना बिगड़ गया है कि जब तक हंटिंग न करें, तब तक ठीक नहीं हो सकता. क्योंकि कई योजनाएं स्वीकृत हैं, सरकार पैसा देने को तैयार है. बावजूद इसके विभागीय कार्रवाई न होने की वजह से काम नहीं हो पा रहे हैं.
साथ ही गणेश जोशी ने बताया कि पेयजल विभाग की आज बैठक की गई, जिसमें मसूरी विधानसभा क्षेत्र में पेंडिंग पड़ी पेयजल की योजनाओं समेत प्रदेश में चल रही तमाम अन्य योजनाओं को 31 मार्च से पहले पहले स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही जो योजनाएं पूरी हो गई है, उसका जल्द से जल्द लोकार्पण कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही मसूरी में निर्माणधीन पार्किंग के सम्बन्ध में उन्होंने निर्देश दिये कि इस कार्य को तेजी से पूरा किया जाए, क्योंकि पर्यटन बहुल्य क्षेत्र मसूरी में बहुत यातायात रहता है, जिससे अधिकतर जाम की समस्या भी बनी रहती है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न सड़क निर्माण और सुधारीकरण के कार्यो में उचित गुणवत्ता रखी जाए और तेजी से कार्यों को पूरा किया जाए.
बैठक में अधिकारियों को निर्देश
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बैठक में मसूरी सीवरेज योजना, मसूरी पुर्नगठन पेयजल योजना, लंढौर साउथ एसटीपी क्षतिग्रस्त कार्य, टिहरी बाईपास एवं टिहरी बस स्टैण्ड मध्य क्षतिग्रस्त सीवर लाइन, संरौना बौंठा पेयजल योजना, सिमियारी पेयजल योजना, टिमली मानसिंह रेट्रोफिटिंग, सेरा एवं चामासारी पेयजल योजना, सेरकी ग्राम समूह पेयजल योजना, पोटीधार रेट्रोफिटिंग पेयजल योजना, गल्जवाड़ी पेयजल योजना, बुरासखंडा पेयजल योजना कुठालगांव पेयजल योजना, सालावाल पेयजल योजना, गंगोल पंडितवाड़ी पेयजल योजना, विलासपुर काण्डली पेयजल योजना, बिष्ट गांव सोलर पम्पिंग पेयजल योजना, जमनीवाला पेयजल योजना, ढाकपट्टी जोन, कालीदास सीवरेज पुर्नगठन योजना, गढकैंट टयूबवेल निर्माण-ओवर हैंड टैंक निर्माण इत्यादि पेयजल तथा सीवरेज योजनाओं की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं पेयजल निगम तथा जल सस्थान को जरूरी दिशा निर्देश दिए.