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गणेश जोशी ने पेयजल अधिकारियों संग की बैठक, लटके कार्यों को लेकर लगाई फटकार

मसूरी विधानसभा क्षेत्र में पेयजल की समस्या को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पेयजल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों संग बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं की लेटलतीफी को लेकर फटकार लगाई.

गणेश जोशी की बैठक
गणेश जोशी की बैठक

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Published : Jun 16, 2021, 3:45 PM IST

देहरादून: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (cabinet minister ganesh joshi) ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र (Mussoorie Assembly Constituency) से जुड़ी पेयजल और सीवरेज समस्याओं (Drinking water and sewerage problemS) के निराकरण को लेकर पेयजल निगम (Payjal nigam) और जल संस्थान (jal sansthan) के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मंत्री ने लटकी हुई परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विभागीय अधिकारियों को पेयजल की समस्याओं से जूझ रहे राजेंद्रनगर निवासियों को निजात दिलाने के लिए तत्काल ट्यूबवेल (tube well) लगाने के निर्देश दिए. इस संबंध में पेयजल निगम के अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि पुरानी पेयजल लाइन से वर्तमान समय में लोगों को पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसके समाधान के लिए आगामी 25 जून से ट्यूबवेल निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.

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इसी तरह अनारवाला, दून विहार और कुठालगेट जहां पर लोगों को टैंकर के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करानी पड़ रही है, वहां लोगों को पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने के मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश दिए (Minister Ganesh Joshi gave instructions).

इसके अलावा कालीदास रोड जहां पर पुरानी सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त (old sewerage line damaged) हो चुकी है और बरसात के समय सीवर लाइन में पानी जमा होने की समस्या बनी रहती है, इस संबंध में मंत्री ने कहा कि वहां पर नई सीवर लाइन हेतु 4.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति हो चुकी है. इस कार्य को प्रारंभ करने के लिए उन्होंने शीघ्र ही विभागों को टेंडरिंग प्रक्रिया (tendering process) प्रारंभ करने के निर्देश दिए.

गणेश जोशी ने पेयजल निगम और जल संस्थान को निर्देशित किया कि समय के साथ आबादी बढ़ने तथा पानी का लेबल लगातार नीचे जाने के चलते भविष्य में पेयजल की और भी अधिक किल्लत होने की संभावना है. इसको देखते हुए पेयजल आपूर्ति से जुड़ी हुई दीर्घकालिक योजना (long term plan) पर काम करें. जिसके तहत आबादी से सटे हुए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चैकडाम, झील इत्यादि का निर्माण करें. ताकि जल से भूमिगत रिचार्ज होने से वाटर लेबल बेहतर हो सके.

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