देहरादून:धामी सरकार (dhami government) के मंत्रियों का अल्पज्ञान सरकार की फजीहत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है, जहा एक ओर स्वास्थ्य विभाग में करीब तीन हजार ही पद है, तो वहीं, धामी सरकार के मंत्री (cabinet minister ganesh joshi) स्वास्थ्य विभाग में 20 हजार से अधिक पद खाली होने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस को भी बैठे बैठाए सरकार को लपेटने का मौका मिल गया.
यूं तो राज्य में डॉक्टरों की कमी को शत-प्रतिशत पूरा करने का वर्तमान सरकार दावा करती रही है, लेकिन सरकार के मंत्री तो अभी भी राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी होने की बात कहकर सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. राज्य की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों के कुल 2856 पद सृजित है, जिसमें से 2500 से ज्यादा पदों डॉक्टर तैनात भी किए गए हैं, बावजूद इसके कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी होने की बात कह रहे हैं.
कैबिनेट मंत्री ने फिर से करा दी धामी सरकार की फजीहत पढ़ें- उत्तराखंड में आने वाली है नौकरियों की बहार, शिक्षा विभाग और पंचायत राज में होंगी बंपर भर्तियां दरअसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि राज्य में बीस हजार डॉक्टरों की कमी है, जो राज्य के मेडिकल कॉलेज 10 साल में भी पूरी नहीं कर सकते. पूरे देश के भीतर करीब ढाई लाख डॉक्टरों की कमी है, तो वहीं उत्तराखंड राज्य में 20 हजार डॉक्टरों की कमी है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के इस बयान से सरकार असहज दिखाई दे रही है.
एक तरफ जहां कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में 20 हजार डॉक्टरों की कमी बता रहे हैं, तो वहीं, स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट का कहना है कि प्रदेश में 2856 पदों के सापेक्ष 2512 पद पर डॉक्टर तैनात किए गए हैं, जिसमें से 1924 नियमित, 426 बॉन्ड धारी,122 संविदा डॉक्टर अलग-अलग अस्पतालों में तैनात है. डॉक्टरों के महज 322 पद ही रिक्त है. खाली पड़े पदों पर भी जल्द तैनाती की जानी है.
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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के ज्ञान पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने चुटकी ली. उन्होंने कहा कि गणेश जोशी का अल्पज्ञान बताता है कि सरकार के मंत्री कितने जानकार हैं. मंत्रियों के पास सटीक जानकारी तक नहीं है, वो चर्चाओं में बने रहने के लिए इस प्रकार के बयान जारी करते हैं. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर कोई मंत्री कोई बयान दे रहे हैं तो उन्हें इस विषय का पूरा ज्ञान होना चाहिए. लिहाजा, मंत्री का यह बयान उनके अधूरे ज्ञान को दर्शाता है.