देहरादून:उत्तराखंड में इन दिनों मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हैं. वहीं सियासी चर्चा है कि कुछ मंत्रियों के ऊपर तलवार लटक रही है और कुछ विधायकों की बहार आने वाली है. सूबे में क्या सियासी समीकरण बन रहे हैं, डालते हैं एक नजर...
कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट:उत्तराखंड में मुख्यमंत्री सहित कुल मंत्रिमंडल 12 सदस्यों का है. मुख्यमंत्री के रूप में जब पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली थी तो उनके साथ आठ विधायकों ने 23 मार्च 2022 को देहरादून के परेड ग्राउंड में शपथ ली थी. इन आठ मंत्रियों में सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, सौरव बहुगुणा, चंदन रामदास और रेखा आर्य ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी. वहीं तीन मंत्री पद धामी सरकार के शुरुआत से ही खाली चल रहे हैं. अब प्रदेश में एक बार फिर से मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरें जोरों पर हैं, ऐसे में कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद कुल चार पद खाली हैं. बताया जा रहा है कि कैबिनेट से दो मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है. जिन्हें कैबिनेट से हटाकर कहीं और एडजस्ट किया जा सकता है.
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जानिए किसे मिलेगी जिम्मेदारी:उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल के मानक क्या होंगे, भाजपा आलाकमान तय कर सकता है. लेकिन अगर परफॉर्मेंस और एक साल से ज्यादा के कार्यकाल को देखें तो कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है. वहीं कुछ मंत्री विवादों में काफी रहे हैं, लिहाजा चर्चाएं है कि इन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है.वहीं इसके अलावा एक समीकरण आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी बनाई जा सकती है. विवादों की अगर बात करें तो सबसे ऊपर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का नाम है, विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों के बाद तमाम अन्य विवादों से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सुर्खियों में बने रहे. इसके अलावा कैबिनेट मैं सतपाल महाराज को लेकर के भी हमेशा विवाद ही देखने को मिला है. चाहे उनका विवाद उनके सचिवों के साथ हो या फिर तमाम मामलों में सरकार से उनकी नाराजगी हो. परफॉर्मेंस की बात करें तो प्रदेश के महत्वपूर्ण यात्रा सीजन के दौरान भी सतपाल महाराज उत्तराखंड से नदारद रहे, ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
आगामी चुनाव के लिए बिछाई जाएगी बिसात:जल्द होने जा रहे कैबिनेट विस्तार पर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति का भी असर देखने को मिल सकता है. ऐसा एक समीकरण रेखा आर्य के साथ भी देखने को मिल रहा है, जोकि पिछले लंबे समय से अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर अपनी तैयारी कर रही हैं. जिस पर भाजपा सांसद अजय टम्टा असहज हो सकते हैं. ऐसे में क्या रेखा आर्य को कैबिनेट से हटाकर लोकसभा के लिए रिजर्व में रखा जाता है, यह देखने वाली बात होगी. वहीं इसके अलावा सतपाल महाराज के राज्य की राजनीति में अर्जेस्ट ना होने के चलते हो सकता है कि उन्हें केंद्र की राजनीति में शामिल किया जाए और कैबिनेट से हटाकर उन्हें पौड़ी लोकसभा सीट से उतारा जाए.