देहरादून:कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट खाली हो गयी है. ऐसे में निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होंगे. इसको लेकर जहां एक ओर बीजेपी नेता अबतक उपचुनाव में बारे में कुछ ना सोचने की बात कह रहे हैं, वहीं कांग्रेस उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रही है.
कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की सीट को लेकर बिछने लगी बिसात उत्तराखंड राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोर-शोर से चल रही हैं. आगामी सितंबर में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराये जाएंगे. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट भी खाली हो गई है. जहां पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है. जिसको लेकर कांग्रेस अभी से ही पूरी तरह तैयार नजर आ रही है.
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उपचुनाव को लेकर क्या है निर्वाचन आयोग का नियम
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार धारा 147, धारा 149, धारा 150, धारा 151 यानी किसी भी कारण अगर विधानसभा, लोकसभा या राज्यसभा की सीट खाली हो जाती है तो ऐसे में वहां 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होते हैं.
भाजपा है गमगीन तो कांग्रेस उपचुनाव को लेकर तैयार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन से भाजपा के नेता अभी दुखी हैं. इस वजह से अभी तक भाजपा ने चुनाव के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. लेकिन संविधान की बाध्यता के अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बदौलत चुनाव लड़ती है.
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने चाहिए. उन्होंने कहा कि 6 माह के भीतर निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने पड़ेंगे. जिसको लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है.