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पर्यटकों से उत्तराखंड गुलजार, पटरी पर लौट रहा कारोबार, कोविड गाइडलाइन तार-तार

उत्तराखंड में चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या की बाध्यता हटाने और विजयदशमी की छुट्टी के चलते धामों सहित मसूरी, नैनीताल समेत अन्य जगहों के सभी होटल और गेस्ट हाउस फुल हैं. वहीं, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल-गेस्ट हाउस संचालक, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक और अन्य कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं.

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पर्यटकों से उत्तराखंड गुलजार

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Published : Oct 16, 2021, 8:15 PM IST

देहरादून:कोरोना महामारी की दस्तक के बाद पहली बार उत्तराखंड पर्यटकों से गुलजार नजर आ रहा है. पर्यटन स्थलों के साथ ही चारों धामों में पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण में काफी कमी देखने को मिल रहा है. जिसका असर है कि पर्यटक बड़ी संख्या में देवभूमि का रुख कर रहे हैं.

कोरोबारियों के चेहरे खिलें: जहां एक और बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं. वहीं, दूसरी ओर कोविड गाइडलाइनों की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रहीं हैं. देहरादून, मसूरी, नैनीताल, हल्द्वानी समेत अन्य जगहों पर पर्यटकों का तांता लगा हुआ है. आलम यह है सभी पर्यटक स्थल, पर्यटकों से भरे नजर आ रहे हैं.

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वीकेंड पर पर्यटकों की भीड़: विजयदशमी की छुट्टी के चलते मसूरी, नैनीताल समेत अन्य जगहों के सभी होटल और गेस्ट हाउस फुल हैं. वहीं, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल-गेस्ट हाउस संचालक, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक और अन्य कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं. पर्यटन स्थल पूरी तरह से फूल है. जिसके चलते पर्यटकों को होटल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

मसूरी में 90 फीसदी होटल फुल: लगातार 3 दिन की छुट्टी होने पर मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. मसूरी के लगभग 90 फीसदी होटल पर्यटकों से पैक हो चुके हैं. वहीं ,पर्यटकों की उमड़ी भीड़ के कारण मसूरी में ट्रैफिक व्यवस्था एक बार फिर चरमराई नजर आ रही है.

जाम से परेशानी: पुलिस प्रशासन लगातार यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही पर्यटकों को असुविधा न हो, इसकी व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है. शासन प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं बेहतर कराई जा रही है. लेकिन अचानक बड़ी संख्या में पर्यटकों आने के चलते लंबा जाम का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, वीकेंड पर स्थितियां और बद से बदतर हो गईं हैं.

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चारों धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब: बात अगर चारधाम यात्रा की करें तो, सीमित संख्या की बाध्यता हटने के बाद धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. पिछले कुछ दिनों से बाबा केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है. बीते दिन केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ कुछ यूं उमड़ी की कोविड गाइडलाइन ताक पर नजर आया.

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़: केदारनाथ धाम के परिसर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एक साथ नजर आए, इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखा और नहीं लोगों के चेहरे पर मास्क. ऐसे में आने वाले समय में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर को और बल मिलता दिखाई दे रहा है.

कोरोना गाइलाइन की उड़ी धज्जियां: उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए जो नियम बनाए हैं. उसके तहत प्रदेश आने वाले पर्यटकों को कोविड गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन करना अनिवार्य होगा. वहीं, शुरुआती दौर में प्रशासन ने नियमों को पालन कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा था. लेकिन जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होता चला गया, उसी तरह नियमों की धज्जियां भी उड़ती चली गईं.

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60 से 70 लाख सैलानी पहुंचे: कोरोना महामारी से पहले उत्तराखंड में हर साल करीब चार करोड़ सैलानी पहुंचते थे, लेकिन महामारी की दस्तक के बाद सैलानियों की संख्या लाखों तक ही सिमट गई. 2020 में सैलानियों की संख्या करीब 20-25 लाख अनुमानित थी. वहीं, 2021 में अभी तक उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या करीब 60 से 70 लाख तक पहुंच गया है. जिसमें हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी शामिल हैं.

चारधाम पहुंचे डेढ़ लाख से ज्यादा यात्री: चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही प्रदेश में सैलानियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई थी. मई महीने में चारधाम के कपाट खुलने के बाद यात्रा संचालित नहीं की गई थी, जिसके चलते प्रदेश में पर्यटकों की संख्या महज हजारों तक ही पहुंची थी. वर्तमान समय में चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब डेढ़ लाख हो गई है.

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पर्यटन उद्योग को संजीवनी: वहीं, चारधाम यात्रा संचालित होने से अबतक करीब 5 से 6 लाख सैलानी उत्तराखंड का रूख कर चुके हैं. वहीं, पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी है. कोविड काल के दौरान पर्यटन इंडस्ट्री को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान पर्यटन इंडस्ट्री को कोविड काल में हुआ है. वहीं, अब एक बार फिर उत्तराखंड में बढ़ रही सैलानियों की संख्या से पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब धीरे-धीरे उनकी आर्थिकी ठीक होगी.

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