देहरादूनःभारत में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन कोरोना काल में इस बार सभी त्योहारों की रौनक फीकी पड़ती नजर आ रही है. यहां हम बात कर रहे हैं 4 नवंबर को देश भर में मनाए जाने वाले सुहागिनों के पर्व करवाचौथ की. इस बार करवा चौथ के मौके पर भी बाजारों में कोई खास रौनक देखने को नहीं मिल रही है. जिससे स्थानीय व्यापारी और मेहंदी आर्टिस्ट खासे मायूस हैं.
करवाचौथ पर बाजार की रौनक फीकी दरअसल, करवा चौथ से 15 दिन पहले ही महिलाएं चूड़ियों समेत अन्य श्रृंगार सामग्रियों की खरीदारियां शुरू कर देती थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते बाजारों में इस तरह का कोई माहौल देखने को नहीं मिल रहा है.
राजधानी देहरादून के स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, करवाचौथ की नजदीकियों के चलते इस बार भी महिलाएं खरीदारी तो जरूर कर रही हैं लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार खरीदारी में 40 से 50% तक की कमी है. इसके दो प्रमुख कारण हैं, पहला कारण कोरोना संक्रमण का भय. तो वहीं दूसरा कारण शासन प्रशासन की ओर से त्योहारी सीजन में प्रदेश के मुख्य बाजारों में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान है. जिसकी वजह से शहर भर में जगह-जगह गंदगी और धूल धक्कड़ फैली हुई है. ऐसे में लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं.
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वहीं, दूसरी तरफ बात मेहंदी आर्टिस्टों की करें तो करवा चौथ के मौके पर भी मेहंदी आर्ट स्टोर का कारोबार पटरी पर नहीं लौट सका है. राजधानी देहरादून के पल्टन बाजार में सालों से मेहंदी आर्ट का काम कर रहे स्थानीय व्यापारी मायूस हैं. स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, बीते सालों तक करवा चौथ से 10 से 15 दिन पहले ही एडवांस बुकिंग शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार एडवांस बुकिंग तो दूर प्रतिदिन महज एक या दो महिलाएं ही उनकी दुकान पर मेहंदी लगाने के लिए पहुंच रही हैं.