देहरादून: गैरसैंण को बेशक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया हो, लेकिन गैरसैंण के भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बर्फबारी से लगता है, सत्तापक्ष के विधायकों और मंत्रियों को कुछ ज्यादा ही ठंड लग गई है.
सत्ता पक्ष के विधायक नदारद. जी हां यह हम नहीं सत्र के अंदर की तस्वीरें इसकी हकीकत को खुद व खुद बयां कर रही हैं. उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सत्र जहां भाजपा के 57 विधायकों में से आधे विधायक भी मौजूद नहीं रहे. सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के दौरान का नजारा विधानसभा के भीतर का कुछ यूं था कि संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक के अलावा सदन के भीतर कोई भी मंत्री मौजूद नहीं थे.
वहीं, विधायकों की बात करें तो भाजपा के मात्र 26 विधायक सदन के भीतर मौजूद थे, जबकि विपक्ष की बात करें तो विपक्ष के 11 के 11 विधायक सदन में नजर आए. यही नहीं धनौल्टी से निर्दलीय विधायक प्रतीम सिंह पंवार और भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा भी सदन की कार्यवाही के दौरान पांचवें दिन मौजूद रहे.
लेकिन सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि आखिर एक तरफ जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं के विधायक और मंत्री बजट सत्र की कार्यवाही के पांचवें दिन नदारद रहे.
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ऐसे में साफ-साफ जाहिर होता है कि भाजपा विधायकों और मंत्रियों को कुछ ज्यादा ही ठंड गैरसैंण में हुई बर्फबारी से लग गयी. 71 विधायकों में से 43 की उपस्थित. 70 विधायकों वाली उत्तराखंड की विधानसभा में एंग्लो इंडियन सहित 71 विधायक हैं जिनमें आज सत्र के दौरान का नजारा कुछ चिंताजनक नजर आया.
विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की उपस्थिति के साथ एंग्लो इंडियन विधायक की उपस्थिति को जोड़ दें और संसदीय कार्य मंत्री, भाजपा के 26 विधायक, कांग्रेस के 11 और 2 निर्दलीय विधायकों को जोड़कर 71 की विधानसभा में महज 43 की उपस्थिति विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही के दौरान रही. यानी बैठे बैठाए ही सत्ता पक्ष ने विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया.