देहरादूनः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इसमें पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी एक रुपए और रोड-कंस्ट्रक्शन सेस एक रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला लिया गया है. संसद में सीतारमण ने कहा, कच्चे तेल के दाम पिछले कुछ समय में कम हुए हैं, इससे हमें पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और सेस की समीक्षा करने का मौका मिला.
वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल अब महंगा होगा. पेट्रोल डीजल 2 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. एक्साइज ड्यूटी 1 रुपये प्रति लीटर और 1 रुपया प्रति लीटर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया गया है. पेट्रोल-डीजल महंगा होने से जरूरत की सारी चीजें महंगी हो जाएंगी. क्योंकि यातायात खर्चे बढ़ जाएंगे. सामान को जब एक जगह से दूसरे जगह लाया या पहुंचाया जाएगा तो आने-जाने का खर्च ज्यादा होगा. इस खर्च की भरपाई कीमतें बढ़ाकर की जाएंगी.
रोज दामों का निर्धारण करती हैं तेल कंपनियां
बता दें कि पेट्रोल और डीजल दोनों के रेट बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. अब दोनों ही नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. शुक्रवार को देहरादून में पेट्रोल की कीमत 70.70 रुपये लीटर रही. वहीं डीजल 63.56 रुपये लीटर पहुंच गया है. बता दें कि पेट्रोल कंपनियां अब रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतों का निर्धारण करती हैं.
आप रात से ये होंगे दून में नए रेट
अब तक पेट्रोल पर 17.98 रुपए और डीजल पर 13.83 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी थी. अब इसे एक रुपए बढ़ाया गया है. इसी तरह रोड और कंस्ट्रक्शन सेस भी एक रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया है. इसके अलावा बेस प्राइज पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगाने के बाद लोकल सेल्स टैक्स और वैल्यू ऐडेड टैक्स में भी बढ़ोतरी हुई है. इससे देहरदून में पेट्रोल 2.50 रुपए और डीजल 2.30 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गया. देहरादून में पेट्रोल 70.70 रुपए प्रति लीटर है, जो आधी रात से बढ़कर 73.20 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा. वहीं, डीजल 63.56 रुपए प्रति लीटर है, जो बढ़कर 66.03 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा.
अपने न्यूनतम स्तर 9 डॉलर प्रति बैरल पहुंच चुका है कच्चा तेल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के रेट में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ. 1 जनवरी से लेकर अब तक पेट्रोल के रेट में जहां 1.67 रुपए बढ़े, वहीं डीजल में करीब 1.86 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ोतरी हुई. इस दौरान कच्चे तेल के दाम 53.8 डॉलर प्रति बैरल के अपने न्यूनतम स्तर 9 डॉलर प्रति बैरल पहुंच चुके हैं. अप्रैल में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर तक चली गई थी.
बढ़ेगी महंगाई
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई के बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है. देश की अधिकांश परिवहन व्यवस्था डीजल वाहनों पर निर्भर है. डीजल की कीमत बढ़ने से परिवहन लागत बढ़ेगी, जिससे वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी.