देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार (Dhami Government of Uttarakhand) ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड में चीन सीमा पर स्थित गांव (border village of Uttarakhand) अब देश का आखिर नहीं, बल्कि पहला गांव कहलाएगा (first village of country). इसके साथ ही गांवों के सुनियोजित विकास के लिए सरकार ने ''मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना'' शुरू की जायेगी. इसके अलावा गांव में कैबिनेट बैठक का आयोजन भी किया जाएगा.
दरअसल, बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दौरा पर आए थे. इस दौरान चीन सीमा पर स्थित माणा गांव का भी दौरा किया और वहां एक कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि सीमाओं पर स्थित गांवों को अंतिम गांव की बजाय प्रथम गांव कहा था, ये गांव देश के प्रथम गांव के साथ प्रहरी भी हैं. हमारी पहली प्राथमिकता में इन गांवों का सुनियोजित विकास होना चाहिए. जिसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया और ''मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना'' शुरू करने पर विचार किया.
सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जायेगी, जिसमें प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जायेगी. ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जायेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद किसी गांव में जाकर चौपाल में प्रतिभाग करेंगे. "मुख्य सेवक चौपाल" में मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी करेंगे.
सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहां के लिए विशेष महत्व के होते हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों में इन विशेष दिवसों को चिन्हित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएं. ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इनमें उन गांवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाए. उच्चाधिकारी भी इनमें प्रतिभाग करें.
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