उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में खुलेंगे बुक बैंक देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग एक नई पहल करते हुए सरकारी विद्यालयों में किताबों की किल्लत से जुड़ी तमाम परेशानियों को अब हमेशा के लिए खत्म करने जा रहा है. इस कड़ी में शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में बुक बैंक तैयार करने का निर्णय ले लिया है. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में अब किताबों की विशेष व्यवस्था की जाएगी. शिक्षा विभाग राज्य में पहली बार स्कूलों के लिए बुक बैंक तैयार करने जैसी व्यवस्था को शुरू करने जा रहा है. इसके तहत राज्य के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में सरकार पुस्तकों के सेट पहुंचाएगी, यह किताबें विभिन्न कक्षाओं में मौजूद छात्रों के आधार पर रखी जाएंगी. इस तरह शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में एक बुक बैंक तैयार करने का निर्णय लिया है. दरअसल, शिक्षा विभाग की तरफ से इस फैसले की वजह विद्यालयों में नए सत्र के दौरान किताबों की कमी को दूर करना है.
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इस नई व्यवस्था के बाद विद्यालयों के 5 छात्रों की संख्या के हिसाब से किताबें बुक बैंक में मौजूद रहेंगी. शिक्षा विभाग विद्यालयों को करीब 10% अतिरिक्त किताबें भी मुहैया कराएगा, ताकि पुस्तकों के फटने या गुम हो जाने की स्थिति में भी किताबों की कमी ना हो. बता दें कि नया शिक्षा सत्र शुरू होने के दौरान विद्यालयों में बच्चों को समय से किताबें नहीं मिलने की समस्या आती है. तमाम प्रयासों के बावजूद भी हर साल विद्यालयों तक समय से किताबें नहीं पहुंच पा रही हैं. इन्हीं बातों का अनुभव लेते हुए शिक्षा विभाग विद्यालयों में ही पहले से एक विशेष व्यवस्था के तहत बुक बैंक तैयार कर रहा है.
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इसके जरिए प्रत्येक छात्र को हर समय अपनी पुस्तकों की उपलब्धता बुक बैंक के जरिए मिलती रहेगी. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि विद्यालयों में बुक बैंक बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अब नए सत्र से यह व्यवस्था शुरू होते ही किताबों की किल्लतों से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. वैसे इस साल किताबों की उपलब्धता को लेकर शिक्षा विभाग काफी सुस्त रहा है और स्कूल खुलने के बाद छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिल पाई हैं. मौजूदा स्थिति से सरकार की भी काफी किरकिरी हुई है और शिक्षा विभाग पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं. शायद यही कारण है कि भविष्य में ऐसे हालातों से बचने के लिए शिक्षा विभाग बुक बैंक जैसे फैसले कर रहा है.