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Man vs Wild: वन्यजीवों के हमले में मुआवजा राशि बढ़ी, अब दिए जाएंगे छह लाख रुपए - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

राज्य वन्यजीव संघर्ष की बोर्ड बैठक के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने आज जहां पिछली बैठक में लिए गए फैसलों पर चिंतन किया तो वहीं बैठक के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष और फॉरेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े मामले मुख्य तौर पर चर्चा में आए.

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Published : Dec 10, 2022, 4:09 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 4:30 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड राज्य वन्यजीव संघर्ष की बोर्ड बैठक 10 दिसंबर को सचिवालय में आहूत की गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान 12 प्रस्तावों पर विचार किया गया. इस दौरान राज्य स्तर पर मानव वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया.

वन्यजीवों के हमले में मुआवजा राशि बढ़ी

राज्य वन्यजीव संघर्ष की बोर्ड बैठक के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने आज जहां पिछली बैठक में लिए गए फैसलों पर चिंतन किया तो वहीं बैठक के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष और फॉरेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े मामले मुख्य तौर पर चर्चा में आए. बैठक के दौरान मानव वन्य जीव संघर्ष में जान गवाने वाले लोगों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को चार लाख से बढ़ाकर छह लाख किया गया. वहीं घायल होने वाले लोगों को भी मुआवजा राशि में ₹50000 की बढ़ोतरी करते हुए मुआवजा देने का फैसला किया गया है.
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई घोषणाओं के संदर्भ में भी प्रस्तावों को पास किया गया. इसमें शिवालिक एलीफेंट रिजल्ट को निरस्त करने की अधिसूचना को वापस लेने का प्रस्ताव पास किया गया. बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव विहार की सीमा से न्यूनतम में किलोमीटर की दूरी तक इको सेंसेटिव जोन का निर्धारण किए जाने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार द्वारा एसएलपी दायर करने प्रस्ताव को भी पास किया गया.

पूर्व की बोर्ड बैठक में चौरासी कुटिया का अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उच्च करण किए जाने से जुड़े कई बिंदु पर बोर्ड ने हरी झंडी दी है. इसके अलावा राज्य में फॉरेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े मामलों को भी बोर्ड बैठक के दौरान हरी झंडी देते हुए केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजे जाने का फैसला लिया गया है.
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बोर्ड की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के 3 मंत्र वाटर कंजर्वेशन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और एनवायरमेंट को मिशन के रूप में लेने के लिए मिशन लाइफ एनवायरनमेंट पर बात की गई. इस दौरान 2016 से अटकी 3 दुगड्डा और पुरोला की सड़कों को बोर्ड द्वारा क्लीयरेंस दी गई, उधर कॉरपस फंड को 2 करोड़ से शुरू करने का भी फैसला लिया गया, जिससे वन विभाग के जरूरी मामलों पर फौरन बजटीय प्रावधान किया जा सके. इसके अलावा सेंचुरी एरिया से बाहर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाए जाने का भी फैसला लिया गया, जिसमें फॉरेस्ट और टूरिज्म डिपार्टमेंट के अधिकारी सदस्य होंगे.

Last Updated : Dec 10, 2022, 4:30 PM IST

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