ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश की बोर्ड बैठक (Board meeting of Municipal Corporation Rishikesh) में हाउस टैक्स को लेकर ग्रामीण वार्डों की संपत्तियों को निगम के अभिलेखों में दर्ज कराए जाने का मुद्दा पूरी तरह से हावी रहा. इस दौरान निगम पार्षदों की नगर आयुक्त से हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली.
सोमवार को नगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में महापौर अनिता ममगाई की अध्यक्षता और नगर आयुक्त गिरीश चन्द्र गुणवंत के संचालन में चली अधियाचित बैठक में ग्रामीण क्षेत्र की संपत्तियों का मुद्दा छाया रहा. पार्षद राकेश मिंया ने जोरदार तरीके से संपत्तियों के मामले को उठाते हुए कहां कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक भवन स्वामी टैक्स देने को तैयार हैं, लेकिन उनकी संपत्तियां निगम के अभिलेखों में दर्ज न हो पाने की वजह से उनको बैंकों से लोन तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
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उन्होंने देहरादून नगर निगम में नए क्षेत्रों के भवन स्वामियों की समपत्ति दर्ज कराए जाने की जानकारी भी सदन को दी, जिस पर नगर आयुक्त ने उन्हें बताया कि वहां संपत्तियों में विवाद नहीं रहा होगा, इसलिए उन्हें निगम के अभिलेखों में दर्ज किया गया है.
इसी मुद्दे पर पार्षद गुरविंदर सिंह, शिव कुमार गौतम और विपिन पंत ने भी ग्रामीण क्षेत्रों के भवन स्वामियों के दर्द को अपने अपने शब्दों में सदन के समक्ष रखा. पार्षदों के प्रस्ताव पर नगर आयुक्त ने उन्हें बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सम्पत्तियों में वन कानून के पेंच की वजह से वहां की संपत्तियों को निगम के अभिलेखों में दर्ज नहीं कराया जा सकता. इसके लिए शासन स्तर पर कारवाई की मांग की जायेगी. पार्षदों की मांग पर तत्काल इस मांग को दर्ज किया गया.
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बैठक में आवासीय और व्यवसायिक भवनों के टैक्स में छूट के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष मनीष शर्मा ने कहां कि कोरोना काल के चलते आम आदमी की स्थिति लगातार कमजोर हुई है. ऐसे में जहां आवासीय भवन स्वामियों को पूर्व मे दी गई 50 प्रतिशत की टैक्स में छूट जारी रखना बेहद आवश्यक है तो वहीं होटल व्यवसायियों को भी उनके नुकसान से उबारने के लिए उन्हें भी राहत दी जानी चाहिए.
इस संदर्भ में बैठक में मोजूद अन्य पार्षदों द्वारा भी सकरात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव पर सदन ने महत्वपूर्ण निर्णय के साथ आवासीय भवनों (Relief in Property Tax in Rishikesh) में पचास एवं व्यवसायिक भवनों में नब्बे प्रतिशत की छूट के प्रस्ताव पर स्वीकृति की मुहर लगा दी. महापौर ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष तक यह छूट जारी रहेगी. व्यवसायिक कर के मामले में शासन को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा और जो शासन का निर्णय आएगा वह मान्य होगा.
बोर्ड बैठक के समापन के बाद महापौर अनीता ममगाई ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी पार्षदों के उठाए गए अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है, जिन पर विचार किया गया है फिलहाल भवन कर पर छुट दी ( relief in residential building tax) जाएगी.