देहरादून: प्रदेश में प्याज की लगातार बढ़ती कीमत और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने प्याज को राशन की दुकान पर बेचने का निर्णय लिया है. साथ ही बाजार में प्याज की जमाखोरी करने वालों पर सरकार ने स्टॉक सीमा निर्धारित कर दी गई है.
पढ़ें: फरीदाबाद: बिल्डरों के खिलाफ RWA एसोसिएशन का प्रदर्शन, कहा- अवैध तरीके से हो रहा निर्माण कार्य
बता दें कि प्रदेश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने और जमाखोरी को कम करने के लिए शासन द्वारा संबंधित विभाग को कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं. प्याज संबंधी समस्या के लिए जनपद स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित करने के भी आदेश दिए गए हैं, जो की सप्लाई चैन की स्थिति को नियंत्रण करेगा. साथ ही जनपद स्तर पर उप जिलाधिकारियों और मंडी सचिवों के माध्यम से प्याज की सप्लाई पर निगरानी कर बाजार में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाई जाएगी.
वहीं, जनपद स्तर पर प्याज के भाव नियंत्रित करने के लिए मंडी और थोक विक्रेताओं का सहयोग लेते हुए निर्धारित मूल्य पर बिक्री के लिए प्याज के स्टॉक लगाए जाएंगे और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. प्याज की उपलब्धता और मूल्य की गंभीर समस्या होने की स्थिति में मंडी समितियों और खाद्य विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित कर राशन की दुकानों के माध्यम से प्याज के वितरण हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है.
वहीं, सचिव खाद्य आपूर्ति सुशील कुमार सिंह ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आगामी 30 नवंबर तक प्याज के थोक व्यापारियों के लिए 500-500 कुंटल और खुदरा व्यापारियों के लिए 100 कुंटल स्टॉक सीमा निर्धारित कर दी है.