मसूरी: शिफन कोर्ट मसूरी के 84 परिवारों को विस्थापित करने को लेकर लगातार राजनीति जारी है. पक्ष हो या विपक्ष सभी नेता मामले को भुनाने में जुटे हैं. मसूरी पहुंचे बीजेपी नेता रविंद्र जुगरान ने अपनी ही सरकार से शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को तत्काल स्थापित करने कर मांग की है.
बता दें कि रविंद्र जुगरान ने अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मानवीय आधार पर इन लोगों को विस्थापित करने की कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मानव अधिकार आयोग भी आंख बंद करके बैठा हुआ है. ऐसे में मानव अधिकार आयोग सफेद हाथी साबित हो रहा है.
बीजेपी नेता ने अपनी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल. उन्होंने कहा कि मसूरी विधायक और पालिका अध्यक्ष इसके लिए भी जिम्मेदार हैं, जो पूरे मामले में राजनीति कर रहे हैं. ऐसे में शिफन कोर्ट को खाली करने के लिए लोकतंत्र की हत्या हुई है. मसूरी में प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस द्वारा बंदूक की नोक पर पीड़ित परिवारों से कोर्ट में न जाने के लिए एफिडेविट साइन कराए गए, जो लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय जाएंगे, वह जिन अधिकारियों ने इस कृत्य को किया है उनके नाम से केस दर्ज कराएंगे.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भूमाफिया को संरक्षण देकर गरीबों को उजाड़ने का काम कर रही है. पर्यटन मंत्री भी पूरे मामले में चुप हैं. उन्होंने कहा कि सतपाल महाराज खुद अपने प्रवचनों में लोगों के हितों की बात करते हैं, लेकिन वह भी शिफन कोर्ट के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने सरकार पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन से जल्द बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने की मांग की है. अगर सरकार इस दिशा में कोई काम नहीं करती तो वह न्यायालय के माध्यम से गरीब लोगों को न्याय दिलाने का काम करेंगे.