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ऋषिकेश में बढ़ी बीजेपी की मुश्किल, दावदारों की लिस्ट हुई लंबी, भगतराम कोठारी की भी चेतावनी - Former Minister of State Bhagatram Kothari

ऋषिकेश विधानसभा सीट पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. यहां से पूर्व राज्य मंत्री भगतराम कोठारी ने भी पार्टी हाईकमान से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए टिकट मांगा है. उन्होंने पार्टी पर स्थानीय नेता की अनदेखी का आरोप भी लगाया है.

BJP leader Bhagatram Kothari
भगतराम कोठारी ने भी दी चेतावनी

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Published : Jan 14, 2022, 4:04 PM IST

ऋषिकेश: बीजेपी में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए टिकट के दावदारों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. यही कुछ हाल देहरादून जिले के ऋषिकेश विधानसभा सीट पर भी देखने को मिल रहा है.

ऋषिकेश विधानसभा सीट से बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री भगतराम कोठारी ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने हाईकमान पर ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय चेहरे को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया है. उनका साफ कहना है कि पैराशूट प्रत्याशियों की वजह से आज तक ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र का विकास नहीं हो सका है.

भगतराम कोठारी ने मीडिया के सामने खुद की अनदेखी के दर्द को उजागर किया. भगतराम कोठारी ने बताया कि उन्होंने बीजेपी के लिए अभीतक क्या-क्या किया है. इस दौरान वो भावुक भी हो गए थे. भगतराम कोठारी बोले 2017 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. तभी से वे सच्चे सिपाही की तरह विधानसभा और निकाय चुनाव में पार्टी के लिए जी जान से काम कर रहे हैं. उन्होंने तन-मन और धन के साथ पार्टी की सेवा की है.

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भगतराम कोठारी ने कहा कि निकाय चुनाव में उनकी पत्नी चारू माथुर कोठारी का नाम टिकट के लिए लिस्ट में था. लेकिन आखिरी समय उनका टिकट काट दिया गया था. फिर भी उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को अपना पूरा समर्थन दिया और उसे जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि इस बार उन्होंने फिर पार्टी से टिकट मांगा है.

भगतराम कोठारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और स्थानीय विधायक के बीच की रार किसी से छुपी ने नहीं है. यही बड़ा कारण है कि इलाके में विकास का पहिया रुका हुआ है. विधायक निधि से सड़कें बनाने और पथ प्रकाश की व्यवस्था कर देने से क्षेत्र का विकास नहीं होता है. ऋषिकेश चार धाम यात्रा और गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहा जाता है. पिछले 15 सालों में अभी तक किसी नए स्कूल कॉलेज अस्पताल का निर्माण तो दूर फाइलों में भी इसका जिक्र नहीं किया गया है. इससे समझा जा सकता है कि शहर का विकास किस स्तर पर होना था.

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