देहरादून: चुनावी सीजन में नारों, स्लोगन और सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है. कोरोनाकाल में तो सभी राजनीतिक दलों ने इसे हथियार बना लिया है. यहीं कारण है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक दलों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था. अब सभी दल इस मामले में आक्रामक मोड में आ गये हैं. बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां नारों की राइमिंग में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के नारों की धार उसे इस सोशल वॉर में काफी आगे रखे हुए है. कांग्रेस का कंटेट भी दूसरे दलों पर भारी पड़ रहा है.
उत्तराखंड में सबसे धारदार और सबसे पहले काम शुरू करने वाला आईटी सेल आम आदमी पार्टी का था. लेकिन समय के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का आईटी सेल काफी कमजोर हो चुका है. अब यह वर्चुअल लड़ाई सीधे तौर से कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ी जा रही है. कांग्रेस ने पिछले कुछ महीनों में अपने आईटी सेल को काफी तेजी से मजबूत किया है. कांगेस लगातार अपने सोशल मीडिया के कंटेंट नारों और प्रचार-प्रसार के वर्चुअल तौर-तरीकों पर काफी तेजी से काम कर रही है.
कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए कई वीडियो और गाने भी लांच किए हैं. जिसमें से सबसे ज्यादा वायरल कांग्रेस का तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा हो रहा है. इस गाने से कांग्रेस, भाजपा सरकार में बदले गए तीन-तीन मुख्यमंत्रियों पर प्रहार कर रही है. वहीं, इसके अलावा इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर लगातार कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है. जिसके लिए कई तरह के स्लोगन और नारों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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इसके अलावा कांग्रेस भाजपा द्वारा लाए जा रहे नारों को भी ट्रोल कर रही है. बुधवार को भाजपा द्वारा लाए गए नारे को कांग्रेस ने खूब ट्रोल किया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का आईटी सेल बेहद मुस्तैदी से काम कर रहा है. कांग्रेस के आईटी सेल सहित पूरी कांग्रेस टीम इस बार भाजपा को पटखनी देने के लिए मैदान में है.