देहरादून:कहते हैं कि विनाश काले विपरीत बुद्धि, यानी जब खराब समय आता है तो व्यक्ति की बुद्धि भी उसे गलत दिशा में ले जाती है. कुछ ऐसा ही इन दोनों उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं की जुबान से सुनाई दे रहा है. दरअसल, यह बात भाजपा के उस मंथन के कारण उठ रही है, जिसमें पार्टी 23 विधानसभा सीटों में मिली हार के कारण जानने के लिए समीक्षा में जुट गई है, जबकि चुनाव में करारी शिकस्त खाने वाली कांग्रेस के पास हार के लिए विस्तृत समीक्षा करने का समय तक नहीं है.
उत्तराखंड भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष दो दिन के देहरादून दौरे पर हैं. इस दौरान बीएल संतोष मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात करके आगामी रणनीति और कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने वाले हैं लेकिन यहां सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि बीएल संतोष देहरादून पार्टी मुख्यालय पर उन 23 विधानसभा सीटों में मिली हार को लेकर भी मंथन कर रहे हैं, जहां कांग्रेस बसपा या निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी.
भाजपा की चुनावी अप्रत्याशित जीत और सरकार बनाने के बावजूद हारी हुई सीटों पर इस तरह मंथन करना वाकई बाकी दलों के लिए एक बड़ा संदेश है और शायद इसीलिए कांग्रेस में भाजपा की इस तरह की तैयारियों को लेकर दबी जुबान में पार्टी हाईकमान पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.