देहरादून:उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी (Uttarakhand assembly recruitment scam) में घिरी बीजेपी सरकार ने अब डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया गया है. कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी सरकार की बड़ी अच्छी घेराबंदी की हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद डैमेज कंट्रोल करने के लिए आगे आए हैं. यही नहीं पार्टी के बड़े नेता और विधायक भी अब डैमेज कंट्रोल के लिए प्रयास में जुट गए हैं.
डैमेज कंट्रोल के लिए फ्रंटफुट पर खेल रहे CM धामी, इन बयानों के क्या हैं मतलब?
उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी (Uttarakhand assembly recruitment scam) मामले में फंसी बीजेपी सरकार अब इस आफत से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ रही (BJP engaged in damage control) है. ऐसे में बीजेपी ने खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है, जिसे लोगों का ध्यान भटकाया जा सके. ये बात हम इसीलिए कह रहे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने हाल में जो दो बयान दिए हैं, उनका अभी कोई मतलब नजर नहीं आ रहा.
बड़ी बात यह है कि पिछले 24 घंटे में मुख्यमंत्री दो ऐसे बड़े बयान दे चुके हैं, जो इस समय विधानसभा नियुक्ति के मुद्दे को कमजोर करने के रूप में देखे जा रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ही यह स्पष्ट कर सकते हैं कि इस समय इन बयानों का क्या आशय है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पहले ही जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया तो आज उन्होंने नए जिलों को लेकर सरकार की मंशा को जाहिर कर दिया. उनके यह बयान तब आ रहे हैं, जब प्रदेश में इस समय विधानसभा नियुक्ति में भाई-भतीजावाद होने की बात कही जा रही है और यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा रहा है.
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उधर दूसरी तरफ जिस तरह यह मामला बढ़ा है, इसके बाद पुष्कर सिंह धामी सरकार मामले को डैमेज कंट्रोल करती हुई दिखाई दे रही है. इसी को लेकर जहां केंद्रीय मंत्री रहे डॉ रमेश पोखरियाल निशंक यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए नजर आए हैं. वहीं कुछ विधायक भी सोशल प्लेटफार्म पर अपनी सरकार का बचाव करते हुए नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि धामी सरकार किसी भी तरह से इस मामले पर सरकार की हो रही छीछालेदार को रोकने की कोशिश में जुट गई है और इसीलिए सीएम धामी और उनसे जुड़े लोग मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं.