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BJP को नहीं भाया हरीश रावत का 'दलित प्रेम', कहा- चुनाव आते ही उमड़ा कांग्रेस का 'प्यार'

पूर्व सीएम हरीश रावत की उत्तराखंड में दलित मुख्यमंत्री की चाहत पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा कि हरीश रावत की पार्टी में ही दलित मुख्यमंत्री को लेकर विरोधाभास है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन की जरूरत है.

BJP on Harish rawat
BJP on Harish rawat

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Published : Sep 23, 2021, 7:55 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड बीजेपी ने पूर्व सीएम हरीश रावत के उस बयान का पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वो उत्तराखंड में किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा कि उनकी कांग्रेस पार्टी में भी दलित मुख्यमंत्री को लेकर विरोधाभास है. नेता प्रतिपक्ष भी उनकी मंशा को नकार चुके हैं और कह चुके हैं कि इसमें देर हो गई है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा है कि कांग्रेस ने राज्य में दलितों को आने ही नहीं दिया है. जब कांग्रेस ऐसा करती है, तब वहां हर बार कांग्रेस के नेता खुद ही सीएम की दौड़ में शामिल हो जाते हैं. पंजाब में भी कांग्रेस की कोई मंशा दलित मुख्यमंत्री को लेकर नहीं रही. चुनाव आते ही दलित समुदाय के व्यक्ति को चुनाव तक सीएम बनाया, जिससे वोट के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके. ऐसा नहीं कि यह आशंका हो बल्कि खुद कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिद्धू को सीएम के चेहरे के तौर पर घोषित भी कर दिया है.

चुनाव आते ही उमड़ा कांग्रेस का 'दलित प्रेम'- कैंथोला

उन्होंने कहा कि यही वोट बैंक की राजनीति उत्तराखंड में भी करने की कोशिश की जा रही है. आज कांग्रेस की अवसरवादी प्रवृत्ति से कांग्रेस से दलित समुदाय ने दूरी बना ली है. अब वह कांग्रेस के इस्तेमाल करने की नीति के झांसे में नहीं आने वाला है.

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भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी कहा है कि सिद्धू को लेकर सवाल पूछ्ने वाली कांग्रेस को खुद ही आत्ममंथन करना चाहिए कि देश के खिलाफ जहर उगलने वालों के साथ गलबहियां देश कैसे माफ कर सकता है. सिद्धू के पक्ष में कई तर्क दे रही कांग्रेस जानबूझकर सैनिकों की शहादत और सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत मांगने वाले मुद्दे से अनजान बनने की कोशिश कर रही है.

सिद्धू की पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ गले मिलने और इमरान के साथ दोस्ती को लेकर देश के लोग पहले भी आक्रोश जता चुके हैं. खुद उनकी ही पार्टी के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा की आशंका जता चुके हैं. इसका जवाब कांग्रेस को भाजपा से नहीं बल्कि अपने नेताओं से पूछ्ना चाहिए.

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