परिजनों के आत्मदाह की चेतावनी पर गरमाई सियासत देहरादूनःउत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. एक तरफ अंकिता के परिजनों ने सरकार से उनके सरकारी वकील को बदलने की मांग उठाई है. परिजनों का कहना है कि पिछले 10 महीने से अंकिता के लिए न्याय की आस लगाए बैठे मां-बाप अब हताश हो गए हैं. परिजनों ने हताश होकर आत्मदाह की चेतावनी तक दे डाली है. दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया है कि अगर सरकार सरकारी वकील नहीं बदलती है तो केस में होने वाली अगली सुनवाई पर कोटद्वार में उपवास में बैठेंगे.
हरीश रावत के इस बयान पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने तंज कसा है और कहा है कि हरीश रावत अकेले ही उपवास करते नजर आते हैं. जहां से भी चुनाव में खड़े हुए लगातार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए उनका नाम 'हार दा' पड़ गया है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस में अकेले ही खड़े दिखाई देते हैं.
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जबकि, मामले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में पहले दिन से ही जनता को गुमराह कर रही है. अंकिता के परिजन वकीलों पर पक्षपात का आरोप लगा चुके हैं, लेकिन सरकार परिजनों की बात ही नहीं सुन रही. इसलिए अंकिता के माता-पिता ने आत्मदाह की चेतावनी दी है. ऐसे में अगर सरकार ने सरकारी वकील नहीं बदला तो हरीश रावत अगली सुनवाई में धरने पर बैठकर सरकार को चेताने का काम करेंगे.
पौड़ी में कांग्रेस ने दिया एक दिवसीय धरना: चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को कांग्रेसियों ने एक बार फिर हवा दे दी है. कांग्रेसियों ने हत्याकांड में वीआईपी के नाम को उजागर नहीं कर पाने पर प्रदेश सरकार को घेरा है साथ ही सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता मनीष खंडूड़ी ने कहा कि दिवंगत अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस अब बड़ा आंदोलन करने जा रही है. इस मौके पर कांग्रेसियों ने 24 घंटे तक पौड़ी में डीएम परिसर के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया. मनीष खंडूड़ी ने कहा कि पौड़ी के बाद अब कोटद्वार से बदरीनाथ तक गढ़वाल मंडल के सभी शहरों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा.