विकासनगर: जौनसार बावर का सुप्रसिद्ध चकराता के ठाणा डांडा में लगने वाला बिस्सू मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मेले में खत पट्टी बनगांव समेत 14 गांवों के लोग गाजे बाजे के साथ मेला स्थल ठाणा डांडा मैदान पहुंचे. इस दौरान लोगों ने ढोल दमाऊ की थाप पर सामूहिक नृत्य किया और एक-दूसरे से गले मिलकर बधाई दी.
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मेले में जुटे लोगों ने हाथों में खुशहाली के प्रतीक बुरांस फूल की लालिमा बिखेर बिस्सू की रौनक बढ़ाई. बिस्सू मनाने आई खत पट्टी बनगांव क्षेत्र के लोगों ने ढोल-दमोऊ की थाप और लोकगीतों पर नृत्य कर समा बांधा. मेले में हारूल, तांदी, झैंता और रासौ जैसे पारंपरिक लोकगीतों की धूम रही.
जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम मेला समिति के अध्यक्ष केशव राम ने बताया कि यह बिस्सू मेला पूरे जौनसार बावर का प्रसिद्ध मेला है. इस मेले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल व समूचे उत्तराखंड से लोग पहुंचते हैं. मेला हमारी संस्कृति है. केशव राम ने कहा कि इस आधुनिक युग में भी हमारी जौनसारी संस्कृति कायम है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से ही हमारी संस्कृति को नई पीढ़ी जान पाएगी.
जौनसार बावर के सुप्रसिद्ध लोक कलाकार नंदलाल भारती का कहना है कि धीरे-धीरे युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति की ओर बढ़ रही है. मेले में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में एक-दूसरे से गले मिलकर बिस्सू मेले की बधाई दी.
बता दें, जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व का आगाज बीते 14 अप्रैल को हुआ था. पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है. इस दिन गांव के हर घर के मुखिया ने जंगल से बुरांश के फूल लाकर मंदिरों में देवता को अर्पित कर मन्नत मांगते हैं.