विकासनगरः जौनसार बावर में खुशहाली व समृद्धि के प्रतीक माने जाने बिस्सू पर्व का आगाज हो गया है. इस पर्व का जौनसार में खास महत्व है. पर्व के पहले दिन फुलियात पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने इष्ट देवता को बुरांश के फूल अर्पित करते हैं. चालदा महासू मंदिर समाल्टा में भी बिस्सू पर फूलियात पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. 11 गांवों के लोगों ने फूल महासू देवता को अर्पित किये. वहीं, लोकगीतों पर ग्रामीण जमकर थिरके.
बता दें कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर पूरे विश्व में अपनी अनूठी लोक संस्कृति के लिए विख्यात है. जौनसार बावर का प्रमुख बिस्सू पर्व आज से शुरू हो गया है. जौनसार बावर में चालदा महासू देवता को इष्ट देवता के रूप में पूजा जाता है. इसी कड़ी में समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में ग्रामीणों ने जंगल से बुरांश के फूल लाकर देवता को अर्पित कर खुशहाली की मन्नतें मांगी. इस मौके पर देवता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे.
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ग्रामीण ढोल दमाऊं के साथ हाथों में बुरांश के फूलों को लेकर नाचते गाते मंदिर पहुंचे. पर्व को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह नजर आया. महिलाओं और पुरुषों ने मंदिर परिसर में देवता की स्तुति की. साथ ही हारूल, तांदी नृत्य भी किया. वहीं, बिस्सू पर्व का खास धनुष बाण (ठोऊड़ा) नृत्य देखने के लिए भी लोग उत्साहित नजर आए. करीब 67 साल बाद खत पट्टी के 11 गांवों का फूलियात पर्व देखने को मिला. इस दौरान अधिकांश स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा पहने दिखाई दिए.