ऋषिकेशःतीर्थनगरी के रेलवे स्टेशन परिसर में जैविक शौचालय शुरू हो गया है. इस शौचालय का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि स्वामी चिदानंद ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जैविक शौचालय पर्यावरण संरक्षरण के लिए लाभकारी साबित होगा. साथ ही कहा कि आज के दौर में इस तरह के शौचालय बेहद जरूरी हैं. वहीं, इस तरह के शौचालय आगामी 2021 में होने कुंभ के लिए भी कारगर साबित होगा.
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर शुरू हुई ये सुविधा, स्वामी चिदानंद बोले-आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत - rishikesh railway station
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर शुरू जैविक शौचालय शुरू. जैविक शौचालय पर्यावरण संरक्षरण और संवर्धन के लिए लाभकारी साबित होगा. स्वामी चिदानंद बोले-आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत, ये इनोवेशन और एक्शन है.
बता दें कि इस जैविक शौचालय का निर्माण भेल (BHEL) ने किया है. जैविक शौचालय को बनाने के लिए सेफ्टी टैंक से भी कम लागत आती है. इसे किसी भी जगह बनाया जा सकता है. इसके टैंक में खास पद्दति से बनाए गए जीवाणु डाले जाते हैं. जो टैंक के मल मूत्र को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. साथ ही बीमारियों को पैदा करने वाले कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं. इतना ही नहीं इससे निकलने वाला पानी भी शुद्ध हो जाता है, जिससे सिचाईं समेत अन्य इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसके ऊपर चारों ओर पौध रोपण भी किया जा सकता है. जिससे हरियाली में भी बढ़ोतरी होती है.
मंगलवार को तीर्थनगरी पहुंचे स्वामी चिदानंद ने पर्यावरण संरक्षण के लिए परमार्थ निकेतन की पहल पर रेलवे स्टेशन परिसर में जैविक शौचालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जैविक शौचालय आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है. उन्होंने कहा कि ये इनोवेशन और एक्शन है. सभी को मिलकर इसे जन आंदोलन की तरह चलाना चाहिए. इसके निर्माण से पर्यावरण सरंक्षण के साथ हरियाली भी बढेगी. पर्यावरण से छेड़छाड़ के कारण मौसम में बदलाव हो रहा है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए जैविक शौचालय जरूरी है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि देश में गंदगी एक बड़ी समस्या बन गई है. जिसे दूर करने के लिए इस तरह की पहल काफी लाभदायक साबित होगी.