देहरादून: उत्तराखंड आबकारी विभाग यू तो हमेशा से ही विवादों में रहा है, लेकिन इस बार दो पीआरडी जवानों की नियुक्ति में गड़बड़झाला सामने आया है. दरअसल, आबकारी आयुक्त ने जांच को लेकर एक ऐसा आदेश दिया है, जिसने आबकारी आयुक्त कार्यालय की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
उत्तराखंड आबकारी विभाग में तैनात दो कर्मचारी इन दिनों कहां पर पोस्टेड हैं, इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है. जी हां आपको सुनकर हैरानी जरूर होगी, लेकिन यह पूरी तरह से सच है. स्थिति यह है कि इन दोनों ही कर्मचारियों को आबकारी विभाग तनख्वाह तो दे रहा है, लेकिन इस तनख्वाह की एवज में यह कर्मचारी कहां काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है.
खबर है कि 2019 में कृष्णानंद और 2020 में भारत भूषण नाम के कर्मी को पीआरडी के जरिए आबकारी विभाग में नियुक्ति दी गई थी. चौंकाने वाली बात यह है कि इन कर्मचारियों को लगातार तनख्वाह मिल रही है और विभाग के पास यह डाटा नहीं है कि यह लोग क्या और कहां काम कर रहे हैं.
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इस मामले के संज्ञान में आते ही अब आबकारी आयुक्त हरीश चंद्र सेमवाल की तरफ से जांच के आदेश दे दिए गए हैं. यही नहीं इन दोनों ही कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त करते हुए इनका अब तक का वेतन रोकने के भी आदेश दे दिए गए हैं.
खबर यह भी है कि यह दोनों ही कर्मचारी विभाग के किसी अधिकारी के घर पर निजी रूप से सेवाएं दे रहे हैं, हालांकि यह चर्चाएं भर है. इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी. अपर आबकारी आयुक्त एआर सेमवाल को मामले की जांच सौंपी गई है.