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PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर महंगी रसोई गैस की मार, चूल्हा फूंकने को मजबूर हुईं भोजन माता

रसोई गैस के दाम बढ़ने से मिड डे मील का बजट बिगड़ गया है. जिन स्कूलों में भोजन माताएं पहले रसोई गैस से खाना बनाती थी वहां अब उन्हें मजबूरी में चूल्हा फूंकना पड़ रहा है.

महंगी रसोई गैस की मार
महंगी रसोई गैस की मार

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Published : Mar 4, 2021, 5:57 PM IST

विकासनगर: रसोई गैस के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी का असर सरकारी स्कूलों में बनने वाले मिड डे मील पर भी पड़ रहा है. विकासनगर के सभावाला उच्च प्राथमिक विद्यालय में जहां पहले रसोई गैस पर मिड डे बनाया जाता था वहां अब भोजन माताएं चूल्हा फूंकने को मजबूर हो गई हैं. रसोई गैस के बढ़े दामों ने मिड डे मील का बजट बिगाड़ दिया है.

विकासनगर के सभावाला उच्च प्राथमिक विद्यालय में 316 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. इनके लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था करने के लिए चार भोजन माताएं तैनात हैं. प्रतिदिन इन छात्र-छात्राओं को भोजन तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों में गैस सिलेंडर मुहैया कराया जाता था. लेकिन रसोई गैस की बढ़ी कीमतों ने मिड डे मील का बजट बिगाड़ दिया है. इसीलिए अब यहां पर भोजन माताएं लकड़ी जलाकर चूल्हे पर खाना बना रही हैं. भोजन माताओं की मानें तो गैस का सिलेंडर कुछ ही दिन चलता है. ऐसे में उन्हें लकड़ी जलाकर चूल्हे पर ही खाना बनाना पड़ रहा है.

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स्कूल के प्रधानाचार्य प्रताप सिंह ने बताया कि लॉकडाउन से पहले गैस पर मिड डे मील बनाया जाता था. स्कूल खुलने के बाद गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जबकि सरकार की तरफ से उन्हें प्रति छात्र सिर्फ 7.45 रुपए की राशि दी जाती है. इसमें खाद्य तेल, मसाले, दालें और सब्जियां समेत अन्य सामान उपलब्ध कराना मुश्किल होता है. ऐसे में इनता महंगा गैस सिलेंडर खरीदना उनके बस से बाहर है. इसीलिए अब लकड़ी जलाकर चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है. इस बारे में अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है.

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