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Ambedkar Jayanti 2023: उत्तराखंड में अंबेडकर जयंती की धूम, 'जय भीम' के नारों से गूंजी देवभूमि - Ambedkar Jayanti 2023

14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. बाबा साहेब सत्य और अहिंसा की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने गरीब व दलित परिवार में जन्म लेकर भी सिद्ध किया कि दृढ़ संकल्प, मेहनत और साहस से मनुष्य कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. बाबा साहेब का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था.

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उत्तराखंड में अंबेडकर जयंती की धूम

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Published : Apr 14, 2023, 3:31 PM IST

काशीपुर/मसूरी/विकासनगर: आज संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती है. देश भर में बाबा साहेब की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. बाबा साहेब ने जीवन भर कमजोरों के हकों की आवाज उठाई. साथ ही उन्होंने अधिकारों के साथ महिलाओं के उत्थान की बात की. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके आदर्शों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. उत्तराखंड में भी बाबा साहेब को याद किया गया.

मसूरी में मनाई गई भीमराव अंबेडकर की जयंती: मसूरी में भारतीय दलित साहित्य अकादमी के तत्वावधान में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई. इस मौके पर सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला. भारतीय दलित साहित्य अकादमी मसूरी के अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि मालरोड और अंबेडकर चौक पर चल रहे निर्माण और सौंदर्यीकरण के कारण सम्मान समारोह आयोजित नहीं किया गया. मई माह में भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा. जिसमें प्रदेश के मंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. सैकड़ों की तादाद में लोगों ने चौक पर लगी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सपनों को पीएम मोदी पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा संघर्ष करो, संगठित रहो, शिक्षित बनो, आगे बढ़ो, बाबा साहेब की यह भावना थी.
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पछवा दून में नवप्रभात ने की शिरकत:पछवा दून में भी बाबा साहेब की जयंती मनाई गई. यहां अंबेडकर जयंती के मौके पर माल्यार्पण करने के बाद गोष्ठी का आयोजन किया गया. वक्ताओं ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विषय में अपने अपने विचार रखे. साथ ही उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया. पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवप्रभात ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर जातीय प्रतीक नहीं बल्कि विचारों के आधार स्तंभ हैं. भारतीय संविधान अंबेडकर के विचारों की कुंजी और उनकी प्रतिभा और संघर्षों का दर्पण है. राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ ही वह आर्थिक समानता के भी पैरोकार थे.
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जसपुर में बंशीधर भगत ने दी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि: जसपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गढ़ीनेगी में अंबेडकर पार्क में बाबा साहेब की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने शिरकत की. कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि ने माल्यार्पण कर की. इस मौके पर अनेक लोगों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर मुख्य अतिथि बंशीधर भगत ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत के साथ साथ विश्व के ऐतिहासिक पुरुष के साथ प्रखर वक्ता और विद्वान के रूप में जाना जाता है. उन्होंने जो काम किये वह आसानी से कोई नहीं कर सकता. उनका जन्मदिवस समर्पण सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कुछ लोगों ने उन्हें जाति बंधन में बांधने का प्रयास किया, उन्होंने इससे दूर हटकर सर्व समाज और देश के लिए कार्य किया.

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