देहरादून: उत्तराखंड के ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले प्रवासी भास्कर काला के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. भास्कर काला ने खुद कंपनी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. इस मामले में भास्कर काला ने सोमवार को देहरादून प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता की और मीडिया के सामने अपनी परेशानी रखी.
भास्कर काला ने बताया कि वे पिछले 10 सालों से ऑस्ट्रेलिया में रहकर नौकरी कर रहे हैं. इधर भारत में पाइन एंड पीक लिमिटेड नाम की कंपनी ने उन्हें अपना डायरेक्टर बना रखा है और इसकी उन्हें जानकारी तक नहीं थी. इतना ही नहीं उस कंपनी ने हेमकुंड साहिब में प्रस्तावित रोप-वे की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा भी लिया है. कंपनी ने फर्जी तरीके से एफडीआर और सीडीआर लगाकर निविदा फॉर्म भरा.
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भास्कर काला का कहना है कि इस कंपनी में फर्जी हस्ताक्षर और डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए उन्हें फंसाया जा रहा है. उन्हें गलत तरीके से इस कंपनी में निदेशक दर्शाया जा रहा है. वे पिछले 10 सालों से आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं और वहां फाइनेंस कंट्रोलर की जॉब करते हैं.
भास्कर ने आरोप लगाया कि कंपनी के मालिक मुकेश और हितेश जोशी ने उनको फर्जी तरीके से इस कंपनी में निदेशक दिखाकर उनके नाम से धोखाधड़ी की है, जिसकी शिकायत उन्होंने डीआईजी, एसएसपी और मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि इससे उनका पूरा परिवार और वह खुद भी बहुत परेशान हैं. काला ने मांग की है कि कंपनी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.
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इस तरह आई सच्चाई बाहर: भास्कर काला का कहना है कि पर्यटन विभाग ने पाइन एंड पीक लिमिटेड कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उन्हें फर्जी रूप से निदेशक दर्शाया गया है. इसकी जानकारी उनके कुछ जानने वालों ने उन्हें दी. जानकारी मिलने के बाद भास्कर ने गूगल पर कंपनी को सर्च किया तो वहां भी उनका नाम निदेशक के पद पर दिखाया गया है. इसके बाद वे सीधे ऑस्ट्रेलिया से देहरादून पहुंचे और मामले की शिकायत. वहीं उन्होंने सारी जानकारी जुटाकर पूरी सच्चाई मीडिया को भी बताई. भास्कर काला का कहना है कि वे धोखे का शिकार हुए हैं. कंपनी के मालिकों ने उन्हें गलत तरीके से नियुक्त किया है. साथ ही कंपनी ने उनके जाली डिजिटल हस्ताक्षरों का भी इस्तेमाल किया है. मालिक ने कुछ और लोगों को भी निदेशक बनाया है.