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बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भाकियू का हल्ला बोल, 23 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन

गन्ना किसानों ने बकाया गन्ना भुगतान समेत 23 सूत्रीय मांगों को लेकर आज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने कहा कि गन्ना भुगतान नहीं होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

Bharatiya Kisan Union
भारतीय किसान यूनियन

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Published : Nov 19, 2020, 8:19 PM IST

देहरादून/रुड़की:भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने बकाया गन्ना भुगतान समेत 23 सूत्रीय मांगों को लेकर त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसान यूनियन के आह्वान पर आज हजारों किसानों ने अपनी मांगो को लेकर सीएम आवास के लिए हुंकार भरी, लेकिन पुलिस ने किसानों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया. जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा समझाने पर भी किसान धरना प्रदर्शन से नहीं हटे. वहीं, रुड़की देहरादून आ रहे किसानों को पुलिस ने नारसन बॉर्डर पर ही रोक लिया.

इस मौके पर भाकियू (तोमर) के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा का कहना है कि चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का करोड़ों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. किसानों का भुगतान जल्द से जल्द होना चाहिए. भुगतान नहीं होने से किसान परेशान हैं. किसान मजबूर होकर अपना धान कम रुपयों में बेच रहे है. सरकार किसानों की नहीं सुन रही है. ऐसे में आज किसान यूनियन को मजबूरन धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भाकियू का हल्ला बोल.

बता दें, किसानों का कहना है कि उनकी 23 मांग हैं. किसानों की मुख्य मांग का गन्ना भुगतान है. साथ ही किसानों को उनके बकाया रकम पर ब्याज मिलना चाहिए. इसके साथ ही किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन किसान कानून में संशोधन करने की मांग की है. किसानों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा एमएसपी से कम दामों पर फसल खरीद करना दंडनीय माना जाए.

पुलिस ने किसानों को नारसन बॉर्डर पर रोका.

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रुड़की के किसानों को नारसन बॉर्डर पर रोका

रूड़की में भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी चंद्रवीर सिंह के नेतृत्व में किसान देहरादून मुख्यमंत्री आवास की घेराबंदी के लिए निकले. इस दौरान उत्तराखंड पुलिस ने किसानों के जत्थे को नारसन बॉर्डर पर ही रोक लिया, जिसके बाद किसान हाइवे पर ही बैठ गए. इस दौरान पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच काफी देर तक गहमागहमी चलती रही. बाद में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के मौके पर पहुंचने पर किसानों ने उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से आश्वासन मिलने पर किसान वापस लौट गए.

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