देहरादून/रुद्रपुरः भारतीय सेना में नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को लेकर देशभर में बंद के आह्वान का असर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ना के बराबर दिख रहा है. इक्का-दुक्का छुटपुट दुकानें बंद हैं. हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे स्टेशन से लेकर शहर के हर सार्वजनिक स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है और सुरक्षा चाक-चौबंद है. देहरादून रेलवे स्टेशन पर GRP और RPF के जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ है. स्टेशन पर सामान्य दिनों की तरह ही यात्रियों की आवाजाही हो रही है.
दो ट्रेनों का संचालन रद्द: अग्निपथ योजना के विरोध के चलते देहरादून से आने और जाने वाली 2 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. देहरादून से दिल्ली जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को आज रद्द किया गया है. वहीं, हावड़ा से देहरादून आने वाली उपासना एक्सप्रेस भी विरोध प्रदर्शन के चलते संचालित नहीं हो सकी है. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, संभवत: गोरखपुर-मुजफ्फराबाद से देहरादून आने वाली ट्रेन भी रद्द हो सकती है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
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रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बल तैनात: देहरादून रेलवे स्टेशन अधीक्षक शशांक शर्मा के मुताबिक, अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे स्टेशन में आरपीएफ और जीआरपी के पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. किसी भी तरह के अराजक और उपद्रवी लोग स्टेशन के आसपास ना आ सकें इसके लिए विशेष नजर रखी गई. यात्रियों और रेलवे संपत्ति को किसी तरह का कोई नुकसान ना हो इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से रेलवे की जीआरपी और आरपीएफ की टुकड़ियां लगातार गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था बना रही हैं.
रुद्रपुर में भारत बंद बेअसरःअग्निपथ योजना के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया था, लेकिन उधम सिंह नगर में आह्वान का असर नहीं दिखाई दिया. सुबह से ही रोडवेज और रेलवे स्टेशन समेत मुख्य चौराहों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा. हालांकि, राजनीतिक पार्टी ने विरोध में राष्ट्रपति को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा. वहीं, अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बंद के आह्वान को लेकर देहरादून जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट और सहायकों की तैनाती की है.
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बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च की गई अग्निपथ योजना का पूरे देश में कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड में भी इस योजना को लेकर युवाओं में गुस्सा देखा गया. हल्द्वानी और देहरादून में लगातार इस योजना को लेकर युवा सड़कों पर उतर रहे हैं. हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. अग्निपथ योजना पर सीएम धामीकह चुके हैं कि इस योजना के माध्यम से लाखों बच्चों को रोजगार देना है. साथ कहा था कि सेना में 4 साल की नौकरी करने के बाद जो 75 फीसदी जवान रिटायर होंगे उन्हें हम उत्तराखंड की सेवाओं में लेंगे.
क्या है अग्निपथ योजना?बीती 14 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.