ऋषिकेशः परमार्थ निकेतन में भारत सहित विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालुओं संग बीते दिन भाई दूज का पर्व मनाया. विश्व के अनेक देश जिसमें ब्राजील, अमेरिका, जर्मनी, लन्दन, रूस, कनाडा, अफ्रीका आदि देशों से आयीं बहनों और भाइयों ने परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनके खुशहाली की कामना की.
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रति स्नेह की अभिव्यक्ति का पर्व है इसे यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है.वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज को तिलक कर आशीर्वाद लिया और फिर भाई दूज के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. सभी ऋषिकुमारों को लड्डू खिलाकर रिश्तों की मिठास का महत्व समझाया.
भाई दूज के पावन अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती ने आर्गेनिक इण्डिया के प्रमुख भरत मित्रा को तिलक लगाकर उनका अभिनन्दन किया. स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भाईदूज पर्व के बारे में बताते हुए कहा कि कार्तिक शुल्क द्वितीया को यमुनाजी ने भगवान यमराज को तिलक लगाकर अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था उस दिन से यह उत्सव मनाया जाता है.
महापुराण में इसका उल्लेख मिलता है. भाई दूज, भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह, और समर्पण का पर्व है. इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी खुशहाली की कामना करती है और भाई बहनों को उनकी रक्षा का आश्वासन देते हैं.