देहरादून:उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में सोमवार के केदारनाथ में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ जो हुआ, उसने धामी सरकार की नींद उड़ा दी है. देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज तीर्थ-पुरोहित ने धाम में न सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध किया, बल्कि उनके साथ बदसलूकी भी की. इस वजह से त्रिवेंद्र सिंह धाम में बाबा केदार के दर्शन भी नहीं कर पाए. वहीं तीर्थ-पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि वे किसी बीजेपी नेता को यहां नहीं आने देंगे. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकार ने चिंता जाहिर की है.
चुनावी साल में देवस्थानम बोर्ड बीजेपी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनाता जा रहा है. सोमवार को तीर्थ-पुरोहितों के गुस्से का जिस तरह के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सामना करना पड़ा, उसको देखते हुए बीजेपी को पीएम मोदी के दौरे को लेकर चिंता सता रही है. तीर्थ-पुरोहितों ने किसी भी कीमत पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया था. पुलिस के बीच में आने के बाद भी तीर्थ-पुरोहित नहीं माने और उन्होंने अपना हंगामा जारी रखा. हालात इतने बिगड़ गए थे कि त्रिवेंद्र सिंह रावत धाम को बिना दर्शन किए ही बाबा के दरबार से वापस लौटना पड़ा.
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वहीं तीर्थ-पुरोहितों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत का भी विरोध किया है. दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित केदारनाथ दौरा की तैयारियों का जायजा लेने गए थे. हालांकि इस मामले में जब पुलिस ने तीर्थ-पुरोहितों को समझाया तो वे मान गए और इसके बाद दोनों धाम में दर्शन-पूजन किया.
वहीं सोमवार को केदारनाथ धाम में हुई घटना के बाद कांग्रेस भी बीजेपी पर आक्रमक हो गई है. कांग्रेस के पास बीजेपी को घेरने का एक और मौका आ गया है. चुनावी साल में कांग्रेस इस मौके पर किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी.